Uttarakhand Breaking News : उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

Uttarakhand Breaking News : उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

Uttarakhand Breaking News : उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

देहरादून । पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के ग्यारहवें मुख्यमंत्री बने। उन्हें भाजपा विधायक दल की बैठक में विधायक दल का नेता चुना गया। भाजपा विधायक मंडल दल की बैठक में नए मुख्यमंत्री के रूप में उनके नाम पर मुहर लगी। धामी राज्य के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री होंगे, वे 45 वर्ष के हैं।
शुरुआती दौर में पुष्कर सिंह धामी का नाम कहीं भी चर्चा में नहीं था। लेकिन अचानक से उन्होंने मुख्यमंत्री पद की रेस में सभी को पछाड़ दिया। भाजपा विधायक दल की बैठक के दौरान केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर, डी पुरंदेश्वरी और उत्तराखंड भाजपा के प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम व रेखा वर्मा भी मौजूद रहीं।
उत्तराखंड में बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मेरी पार्टी ने एक सामान्य कार्यकर्ता को चुना है। हम एक साथ मिलकर लोगों के कल्याण के लिए काम करेंगे।

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हम लोगों के लिए काम करने की चुनौती को स्वीकार करते हैं। Pushkar Singh Dhami उधमसिंह जिले के खटीमा से विधायक हैं। वह यहां से लगातार दूसरी बार विधायक पद का चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। पुष्कर 16 सितंबर 1975 को पिथौरागढ़ जिले के टुंडी गांव में पैदा हुए। उनके पिता सेना में रह चुके हैं। पुष्कर सिंह धामी तीन बहनों के बीच अकेले भाई हैं। पुष्कर सिंह धामी ने मानव संसाधन प्रबंधन के साथ-साथ औद्योगिक संबंध में मास्टर्स किया है। उनकी शिक्षा सरकारी स्कूल में हुई है।
उन्होंने 1990 से 1999 तक जिले से लेकर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में विभिन्न पदों में रहकर विद्यार्थी परिषद में कार्य किया। कुशल नेतृत्व क्षमता, संधर्षशीलता एवं अदम्य सहास के कारण वह दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। 2002 से 2008 तक लगातार पूरे प्रदेश में जगह-जगह भ्रमण कर युवा बेरोजगार को संगठित कर उन्होंने कई विशाल रैलियां एवं सम्मेलन आयोजित किये।
परिणाम स्वरूप तत्कालीन प्रदेश सरकार से स्थानीय युवाओं को राज्य के उद्योगों में 70 प्रतिशत आरक्षण दिलाने में सफलता प्राप्त की। इसी क्रम में उन्होंने 11 जनवरी 2005 को प्रदेश के 90 युवाओं के साथ विधानसभा का घेराव करने के लिए ऐतिहासिक रैली आयोजित की गई। जिसे युवा शक्ति प्रदर्शन के रूप में उदाहरण स्वरूप आज भी याद किया जाता है। भाजपा सरकार में 2010 से 2012 तक शहरी विकास अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यशील रहते हुए उन्होंने क्षेत्र की जनता की समस्याओं का समाधान किया।
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