नोवा आईवीएफ, पटना के फर्टिलिटी विशेषज्ञों ने पुरुष इन्फर्टिलिटी के मामलों में 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की -
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नोवा आईवीएफ, पटना के फर्टिलिटी विशेषज्ञों ने पुरुष इन्फर्टिलिटी के मामलों में 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की

पटना : पटना में नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी, पाटलिपुत्र रोड और सगुना मोरे के फर्टिलिटी विशेषज्ञों ने बताया कि पुरुषों में इन्फर्टिलिटी के मामले पाँच साल पहले की तुलना में 25 प्रतिशत बढ़ चुके हैं। ग्रामीण और शहरी, दोनों ही क्षेत्रों के पुरुषों के स्पर्म, मुख्यतः स्पर्म की संख्या, गति और आकार में कमियाँ देखने को मिल रही हैं। इन्फर्टिलिटी की समस्या वाले ज्यादातर पुरुषों की उम्र 30 साल से अधिक है, जिससे प्रदर्शित होता है कि इस आयुवर्ग में फर्टिलिटी की समस्याएं अधिक आम हैं।
पुरुषों की सबसे आम समस्या स्पर्म के खराब आकार को लेकर है। नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी, पाटलिपुत्र रोड, पटना में फर्टिलिटी विशेषज्ञ, डॉ. निधि ने बताया, ‘‘हमारे लगभग 90 प्रतिशत मरीजों में खराब मॉर्फोलॉजी सामने आई है। पुरुषों में स्पर्म के खराब आकार का मुख्य कारण शारीरिक और मानसिक तनाव हो सकता है। जो लोग तेज गर्मी में कड़ी मेहनत करते हैं, उन्हें भी फर्टिलिटी की वही समस्याएं हो सकती हैं, जो ऑफिस में कंप्यूटर के सामने घंटों बैठकर काम करने वालों को। जो लोग बिज़नेस चलाते हैं, उन्हें लगातार मानसिक तनाव बना रहता है। घंटों तक लैपटॉप अपनी गोद में रखकर काम करने वालों को शारीरिक तनाव होता है। इसके अलावा, लगभग 50 प्रतिशत पुरुषों के स्पर्म की सेहत तम्बाकू और मदिरासेवन की लत से प्रभावित होती है, जिसे नजरंदाज नहीं किया जा सकता है।’’
फर्टिलिटी की समस्या से महिला और पुरुष, दोनों ही प्रभावित हो सकते हैं। लगभग 40 प्रतिशत मामलों में इन्फर्टिलिटी पुरुषों में पाई जाती है। डॉ. स्मृति स्पर्श, चीफ कंसल्टैंट (फर्टिलिटी विशेषज्ञ), नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी, सगुना मोड़, पटना ने कहा, ‘‘इन्फर्टिलिटी की जाँच पति और पत्नी, दोनों को एक साथ करानी चाहिए। पुरुषों में इन्फर्टिलिटी की जाँच उनके वीर्य परीक्षण के माध्यम से की जाती है। इस टेस्ट में स्पर्म की संख्या और असामान्य गति की जानकारी मिलती है। दोनों की जाँच एक साथ होने से समय भी बचता है और एक ही बार में पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाती है। पुरुषों को यह जाँच करानी चाहिए क्योंकि यह बहुत तेजी से और आसानी से हो जाती है। रिश्ते में पति और पत्नी, दोनों का आधा-आधा योगदान होता है, इसलिए फर्टिलिटी केयर पर भी उन्हें बराबर ध्यान देना चाहिए। इन्फर्टिलिटी की समस्या का अगर कम उम्र में ही पता चल जाए, तो उसका इलाज भी आसान होता है और परिणाम भी बेहतर मिलते हैं।’’
दोनों ही फर्टिलिटी विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि फर्टिलिटी की समस्याएं महिला और पुरुषों, दोनों को ही हो सकती हैं और इन समस्याओं का इलाज अन्य सामान्य बीमारियों की तरह ही होता है। जिस प्रकार हृदय रोग महिलाओं और पुरुषों, दोनों को हो सकता है, उसी प्रकार इन्फर्टिलिटी भी दोनों को प्रभावित कर सकती है।
पटना में नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी एक विस्तृत फर्टिलिटी ट्रीटमेंट सेंटर है, जहाँ अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के साथ पूर्ण सुविधायुक्त लैब है। यहाँ पर इन्फर्टिलिटी का इलाज करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों का पालन किया जाता है।

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