देहरादून। उत्तराखंड में दीपावली हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। एनजीटी के आदेश में तेज आवाज और धुंआ वाले पटाखों पर रोक थी, लेकिन ग्रीन पटाखों की उपलब्धता नहीं होने पर लोगों ने परंपरागत पटाखों से आतिशबाजी की।
पटाखों से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने से दमा, अस्थमा, टीबी और हार्ट के मरीजों को सांस लेने में परेशानी महसूस हुई। जबकि स्वस्थ लोगों ने भी आंखों में जलन महसूस की।वहीं, दिवाली की रात देहरादून के आईएमए स्थित केंद्रीय विद्यालय के एक शिक्षक के घर में आतिशबाजी के कारण आग लग गई।
शिक्षक प्रशांत भारद्वाज अपने परिवार के साथ दिवाली मनाने मेरठ गए हुए हैं।शनिवार की रात आतिशबाजी के दौरान उनकी बालकनी में रखी कॉपी किताबों, वॉशिंग मशीन और एलपीजी गैस सिलिंडर में आग लग गई।
पड़ोस के लोगों ने इसकी सूचना तत्कार फायर ब्रिगेड को दी। जिसके बाद आग पर काबू पाया गया। वहीं, हरिद्वार के शिवालिक नगर में दुकान में रखे एक सिलिंडर में आग लग गई। दुकान में खासा नुकसान हुआ, लेकिन गनीमत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ।