मेलबर्न। भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने डीआरएस में अंपायर्स कॉल क्लॉज पर सवाल खड़े किए हैं और सचिन तेंदुलकर के सुर में सुर मिलाया है। सचिन ने आईसीसी से इसे दोबारा देखने को कहा है। गावस्कर ने एबीसी स्पोर्ट से कहा, मुझे लगता है कि स्मिथ जिस तरह से आउट हुए उससे पता चलता है कि अगर गेंद स्टम्प्स के ऊपर भी लगती है तो इसकी स्पीड इतनी होती है कि यह गिल्लियों को उड़ा सकती है। अगर आप एलबीडबल्यू की अपील कर रहे हैं और गेंद स्टम्प्स के ऊपरी हिस्से में लगती है तो स्पिनर की गेंद में भी स्पीड इतनी होती है कि गिल्लियां उड़ सकती हैं।
स्मिथ तीसरे दिन सोमवार को बुमराह की गेंद पर राउंड द लेग बोल्ड हो गए। हिप की तरफ आती गेंद को स्मिथ ने ऑफ स्टम्प की तरफ जाकर खेलने का प्रयास किया लेकिन गेंद उनके हिप के पास से स्टम्प की गिल्लियां ले उड़ी। अगर यह गेंद उनके पैड पर लगती और एलबीडब्ल्यू की अपील की जाती और अंपायर को लगता कि यह आउट नहीं है तो वह शायद आउट नहीं दिए जाते। यहां डीआरएस में अंपायर्स कॉल का उपयोग होता।
अंपायर्स कॉल क्लॉज बॉल ट्रेकिंग टेक्नोलॉजी में तब आता है जब मामला काफी करीबी हो और फैसला मैदानी अंपायर के फैसले को बनाए रखता है। गावस्कर ने साथ ही यह भी कहा कि अगर स्टम्प के ऊपरी हिस्से पर लगने पर हर बार आउट दिया जाएगा तो मैच जल्दी खत्म होंगे।
उन्होंने कहा, अगर ऐसा हर बार आउट दिया जाता है तो, हम मैच को जल्दी खत्म होते हुए देखेंगे। इससे पहले सचिन ने अंपायर्स कॉल पर सवाल उठाए थे। सचिन ने ट्वीट किया, खिलाड़ी रिव्यू इसलिए लेते हैं क्योंकि वह मैदानी अंपायर के फैसले से खुश नहीं होते हैं। आईसीसी को डीआरएस को दोबारा देखने की जरूरत है, खासकर अंपायर्स कॉल के लिए।
आस्ट्रेलिया और भारत के बीच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) पर खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन सोमवार को अंपायर्स कॉल ने दो बार आस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को बचाया।
जोए बर्न्स के खिलाफ जसप्रीत बुमराह ने दूसरी पारी के तीसरे ओवर में एलबीडब्ल्यू की अपील की थी। अंपायर ने इसे नॉट आउट करार दिया था जिस पर भारत ने रिव्यू लिया, लेकिन अंपायर्स कॉल के कारण बर्न्स बच गए।
इसके बाद मार्नस लाबुशैन भी मोहम्मद सिराज की गेंद पर इसी कारण आउट होने से बच गए। यहां भी अंपायर ने उन्हें नॉट आउट दिया लेकिन भारत ने रिव्यू लिया और अंपायर्स कॉल के कारण लाबुशैन भी बच गए।