नईदिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में कोविड-19 के बिना लक्षण वाले मरीजों के सामने आने को बहुत चिंताजनक बताते हुए रविवार को कहा कि फिलहाल पूर्णबंदी में किसी तरह की ढील नहीं दी जाएगी। केजरीवाल ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि राजधानी में बड़ी संख्या में ऐसे मरीज सामने आ रहे हैं जिनमें कोरोना वायरस का कोई लक्षण नहीं दिखाई देता। यह चिंताजनक स्थिति है और इसे ध्यान में रखते हुए लाकडाउन में किसी तरह की ढील नहीं दी जायेगी। एक सप्ताह बाद स्थिति की समीक्षा की जायेगी और उस समय जो भी परिस्थितियां होंगी उसके अनुरूप निर्णय लिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना तेजी से फैल रहा है जो चिंता बढाने वाला है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि दहशत में आने और घबराने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शनिवार को दिल्ली में 736 की जांच की गई और इसमें से 186 अर्थात 25 प्रतिशत है जो बहुत अधिक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कल जो 186 पाजिटिव रिपोर्ट आई उनमें कोरोना का कोई सामान्य लक्षण नजर नहीं आ रहा था। इन लोगों को स्वयं पता नहीं था कि यह कोरोना लेकर घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के सभी 11 जिले हाटस्पाट घोषित किये गये हैं।
केजरीवाल ने कहा कि निजामुद्दीन मरकज की भी सबसे अधिक मार दिल्ली को झेलनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है और यहां कुल जनसंख्या का मात्र दो प्रतिशत है जबकि कोरोना के मरीजों का 12 प्रतिशत है। दिल्ली में वायरस के कुल 1893 मामले हैं।
उन्होंने लोगों से अपील की कि वर्तमान स्थिति में अनुशासन में रहकर और लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कर ही कोरोना से नियंत्रण में मदद मिलेगी। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कोरोना फैल रहा है और यदि लॉकडाउन नहीं होता तो स्थिति कितनी भयावह होती इसका अनुमान करना मुश्किल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में 77 नियंत्रण जोन है और इनमें भी औचक परीक्षण में पाया गया की मामले बढ़े हैं। इन क्षेत्रों में भी लोग एक दूसरे के घरों में जा रहे हैं जिन इलाकों में लोगों ने पालन नहीं किया वहां मामले बढे हैं। उन्होंने कहा कि विश्व के साधन संपन्न देशों में कोरोना के कहर की तस्वीर सबके सामने है और हमारे यहां लाकडाउन नहीं होता तो स्थिति क्या होती इसे कहने की जरूरत नहीं है। केजरीवाल ने कहा की दिल्ली कोरोना की सबसे मुश्किल लड़ाई लड़ रहा है और राजधानी में विदेशों से सबसे अधिक लोग आये और इसकी वजह से भी कोरोना की बडी मार दिल्ली पर पड़ी है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में 26 मरीज गहन चिकित्सा केंद्र और छह वेंटिलेटर पर हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में हालात चिंताजनक है और सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद यह सहमति बनी की कि वर्तमान स्थिति में ढिलाई देने पर स्थिति बिगडी तो स्वंय को माफ नहीं कर पायेंगें। इसलिये एक सप्ताह बाद 27 अप्रैल को फिर स्थिति की समीक्षा की जायेगी और उस समय जो हालात होंगे उसके अनुरूप निर्णय लिया जायेगा।