नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस का टीका विकसित करने, औषधि खोज, रोग-निदान और परीक्षण में भारत के प्रयासों की मौजूदा स्थिति की मंगलवार को समीक्षा की। मोदी ने कोरोना वायरस टीका विकास पर एक कार्यबल की बैठक की अध्यक्षता की।
आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री द्वारा की गई समीक्षा में शैक्षिक समुदाय, उद्योग और सरकार के असाधारण रूप से साथ आने का संज्ञान लिया गया। मोदी ने महसूस किया कि इस तरह का समन्वय और गति मानक संचालन प्रक्रिया में सन्निहित होनी चाहिए। बयान में कहा गया कि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संकट में जो संभव है, वह वैज्ञानिक कार्यप्रणाली की हमारी नियमित शैली का हिस्सा होना चाहिए। बैठक के बाद ये बताया गया कि देश में कोरोना की 30 टीकों को तैयार करने का काम अलग-अलग स्तर पर है। इनमें से कुछ का ट्रायल भी शुरू होने वाला है।
बयान में कहा गया कि पीएम ने दवा विकास के लिए उठाए जा रहे तीन दृष्टिकोणों पर भी गौर किया। जिसमें पहला अभी मौजूद दवाओं के इस्तेमाल की संभावनाएं खोजना। इस तरह की चार दवाओं की जांच की जा रही है। दूसरा नई दवाओं और मॉलिक्यूल को तैयार करना। वहीं, तीसरे दृष्टिकोण के रूप में पौधों के अर्क और उत्पादों में सामान्य एंटी-वायरल गुणों की संभावनाएं तलाश करना शामिल है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर संतुष्टि व्यक्त की कि शैक्षिक विभागों से जुड़े लोगों, उद्योगों और सरकार के प्रयास के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी तेजी और तालमेल रोजमर्रा के काम में भी होना चाहिए। संकट की इस घड़ी में, क्या संभव हो सकता है, यह हमारे वैज्ञानिकों के नियमित काम का अभिन्न अंग होना चाहिए। पीएम मोदी ने कोरोना के टीके के विकास में कंप्यूटर साइंस, रसायन, बायोटेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों के एक साथ आकर काम करने की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि बेसिक से एप्लाइड साइंस तक के वैज्ञानिक जिस तरह इंडस्ट्री के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। यह अच्छी बात है। हमें इसी तरह आगे बढऩा चाहिए। बता दें कि, देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।