हरिद्वार। श्रीपंच दशनाम जूना आनंद भैरव अखाड़ा द्वारा संचालित प्राचीन छड़ी यात्रा ऋषिकेश से रात्रिविश्राम के पश्चात विभिन्न मन्दिरों की पूजा अर्चना के साथ लाखामण्डल के लिए रवाना हो गयी।
जूना अखाड़े के साधु-संतो नागा सन्यायियों की जमात के साथ छड़ी के प्रमुख महंत व अखाड़ा के अन्र्तराष्टीय सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि, छड़ी महंत श्रीमहंत पुष्करगिरि, श्रीमहंत शिवदत्त गिरि के नेतृत्व में पवित्र छड़ी त्रिवेणी घाट शोभाात्रा के रूप में पहुची, जहां पर माॅ गंगा की पूजा अर्चना कर छड़ी को स्नान कराया गया।
यहा से छड़ी प्राचीन सोमेश्वर महादेव मन्दिर, वनखंडी महादेव, चन्देश्वर महादेव, तारामन्दिर, मायाकुण्ड आत्मप्रकाश
आश्रम आदि देव स्थानों में पूजा अर्चना करते हुए पौराणिक प्राचीन भरत मन्दिर पहुची,जहां मन्दिर के महंत वरूण प्रपन्न शर्मा के सानिध्य में छड़ी की पूजा अर्चना की गयी।
ज्ञात रहे कि पवित्र छड़ी को गुरूवार शाम को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मायादेवी मन्दिर हरिद्वार से विधिवत पूजा अर्चना कर पूरे उत्तराखण्ड तथा चारो धामों की यात्रा के लिए रवाना किया।
जूना अखाड़े के अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने बताया कि प्राचीन छड़ी दोपहर बाद महाभारतकालीन प्राचीन तीर्थ लाखामण्डल पहुंची।
यह वही तीर्थ है जहां पांडवों ने कौरवों द्वारा निर्मित्त लाक्षागृह में विश्राम किया था, जिसे पांडवों को मार डालने के उददे्श्य से शकुनि के कहने पर जला दिया गया था। लेकिन विदुर की नीति के चलते पांडव बच निकलने में सफल रहे थे। लाखामण्डल में छड़ी पूजन का ग्रामीणों ने पूरे श्रद्वा एवं उत्साह के साथ पूजा अर्चना की।