मुजफ्फरनगर, । मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को ग्रामीण स्तर पर पहुंचाने के उद्देश्य से मंगलवार को ब्लॉक मोरना के खाईखेड़ा गांव में एक चौपाल का आयोजन किया गया। जिसमें जिला मानसिक स्वास्थ्य इकाई टीम ने चौपाल में उपस्थित गार्मीणों एवं विद्यालयों के शिक्षकों व छात्र-छात्राओं को विभिन्न मानसिक समस्याओं के बारे में जानकारी दी और परामर्श दिया व समस्याओं का निराकरण भी किया और ग्रामीण क्षेत्रों में मानसिक रोगों के बारे में जागरुकता लाने पर बल दिया। गैर संचारी रोग कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. प्रशांत कुमार ने बताया- मानसिक रोग अब अभिशाप नहीं रहा। लक्षण दिखते ही चिकित्सक से संपर्क कर हर इंसान को मानसिक रूप से स्वस्थ बनाया जा सकता है।
साइकोथेरेपिस्ट डा.मनोज कुमार ने बताया – कोई भी व्यक्ति कभी भी मानसिक रोग से ग्रसित हो सकता है। नींद कम आना, सिर भारी रहना, उत्साह में कमी, डर लगना, बहुत जिद्दी होना, ज्यादा गुस्सा करना, अवसाद, नशे के कारण, याददाश्त में कमी, उलझन एवं घबराहट तथा बेचैनी आदि लक्षण दिखाई दें तो यह मानसिक रोग हो सकता है। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। चूंकि मनोरोग अच्छे खासे व्यक्ति को बीमार तथा बेकार कर देता है इसलिए तत्काल इलाज कराना चाहिए। चिकित्सक के परामर्श तथा इलाज से हम स्वस्थ रह सकते हैं। उन्होंने चौपाल में आये लोगों का आह्वान किया “आइये हम मानसिक रोग से ग्रस्त लोगों में इस रोग को पहचानने व स्वीकार करने में मदद करें। उन्हें समर्थन देने के लिए आगे आएं तथा उन्हें खुशियां भरी जिन्दगी देने के लिए अपना हाथ उनकी ओर बढ़ाए।” उन्होंने ग्रामीणों में मानसिक रोगों का मनोवैज्ञानिक परीक्षण भी किया। कुछ लोगों को जिला चिकित्सालय में आकर इलाज कराने की सलाह दी।
साइकेट्रिस्ट डॉ अर्पण जैन ने बताया – विद्यार्थियों में तमाम मानसिक स्वास्थ्य संबंधित समस्या उत्पन्न होती रहती है, जिनको यदि सही समय पर परामर्श दिया जाए तो गंभीर मानसिक समस्या से बचा जा सकता है। साथ ही कार्यस्थल पर कार्य कर रहे कर्मचारी एवं अधिकारियों में भी कार्य की वजह से प्रतिबल उत्पन्न होते हैं, उनका भी उचित परामर्श द्वारा निदान किया जा सकता है।इस अवसर पर ग्राम प्रधान शहजाद, रविंद्र बेनीवाल एवं ग्रामीणों सहित गणमान्य लोग उपस्थित रहे।