महामारी से ठीक पहले अचानक बीमार पड़े थे वुहान लैब के रिसर्चर
वॉशिंगटन । दुनियाभर में कोरोना वायरस को फैले डेढ़ साल हो चुके हैं, लेकिन इस वायरस की उत्पत्ति कहां से हुई?
इसका सटीक जवाब अभी तक नहीं मिल पाया है। इस बीच एक अमेरिकी ख़ुफिय़ा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दुनियाभर में कोरोना वायरस के फैलने से करीब एक महीने पहले चीन की इंस्टीट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी के तीन स्टाफ बीमार पड़े थे।
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम सोमवार को कोविड-19 की उत्पत्ति से जुड़े अगले चरण की जांच पर चर्चा करने वाली है। राष्ट्रीय सुरक्षा काउंसिल की प्रवक्ता ने हालांकि अखबार की रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं दी लेकिन उन्होंने कहा कि बाइडेन प्रशासन चीन में उत्पत्ति स्थान सहित कोरोना महामारी के शुरुआती दिनों की जांच को लेकर गंभीर है।
इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक टीम इसी साल कोरोना महामारी से जुड़े तथ्यों का पता लगाने के लिए वुहान गई थी।
हालांकि वापसी के बाद डब्ल्यूएचओ की टीम ने कहा था कि यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है कि कोरोना वायरस वुहान की लैब से दुनिया भर में फैला।
रिपोर्ट में कहा गया है, लैब शोधकर्ताओं के बारे में खुफिया जानकारी रखने वाले कई मौजूदा और पूर्व अधिकारियों ने इसके समर्थन में अपना पक्ष रखा है और इसकी जांच की मांग की है। हालांकि, वॉशिंगटन में चीनी दूतावास ने अभी तक इस पर चुप्पी साधे रखी है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने यह आशंका जाहिर की थी कि कोरोना वायरस चीन की वुहान लैब से निकला।
चीन ने इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम को कोरोना मामलों का रॉ डेटा देने से भी इनकार कर दिया था। इसका खुलासा जांच टीम के एक सदस्य ने ही किया था।