नयी दिल्ली। मांग में नरमी के बीच देश में कोयला का आयात मई माह में सालाना आधार पर 20 प्रतिशत गिरकर 1.89 करोड़ टन रहा।
यह जानकारी एमजंक्शन की ताजा रपट से मिली है।
एमजंक्शन टाटा स्टील और सेल की संयुक्त उद्यम कंपनी है
जो कंपनियों के बीच ऑनलाइन खरीद- फरोख्त का मंच उपलब्ध कराती है।
यह कोयला और स्टील कारोबार पर अध्ययनपरक रपटें भी जारी करती है।
मई 2020 में आयात किए गए कोयले में 1.32 करोड़ टन गैर-कोकिंग कोयला था।
सरकार देश में कोयले के आयात पर निर्भरता 2023-24 तक शून्य करने की योजना पर कार्य कर रही है।
फिलहाल कुछ समय तक आयातित कोयले की मांग नरम रहने का अनुमान है।
इस समय देश में कोयला खदानों और बिजलीघरों पर कोयले का काफी स्टॉक पड़ा है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले साल मई में कोयला आयात 2.35 करोड़ टन था।
रपट के अनुसार इस बार मई में एक माह पहले के 1.70 करोड़ टन की तुलना में कोयला आयात 10.76 प्रतिशत सुधरा है।
कोविड-19 के चलते देश भर में आवागमन पर लगी पाबंदियों के चलते आर्थिक गतिविधियां काफी हद तक बंद थीं।
इसका असर कोयले के आयात पर भी पड़ा।
मई में गतिविधियों में थोड़ा बहुत ढील दी गयी।
इस वर्ष अप्रैल-मई में कोयला आयात 3.60 करोड़ टन रहा जो एक साल पहले इसी अवधि से 27.83 प्रतिशत कम है।
पिछले वर्ष इसी दौरान आयात 4.99 करोड़ टन था।
इस बार अप्रैल-मई में गैर-कोकिंग कोयले का आयात 2.55 करोड़ टन रहा जो एक साल पहले इसी दौरान 3.53 करोड़ टन था।
रपट के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमतों में नरमी का सिलसिला जारी रहने से भी मई में इसका आयात अप्रैल की तुलना में बढ़ा है।
एमजंक्शन ने प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक विनय वर्मा ने कहा,‘ आयातित कोयले की मांग के अल्प-काल में मंद बने रहने की संभावना है।’