वर्तमान में पूरे विश्व को भयभीत करने वाली करोना महामारी की भविष्यवाणी आज से हजारों वर्ष पूर्व ‘नारद संहिता’ में कर दी गई थी ।
इस महामारी का प्रारम्भ 2019 के अंत में पड़ने वाले सूर्यग्रहण से होगा । जिस दिन इस रोग का प्रारम्भ होगा उस दिन ‘मूल नक्षत्र’ होगा । यह सत्य है कि 26 दिसंबर 2019 को मूल नक्षत्र था उसी दिन से महामारी का प्रारंभ हो गया था क्योंकि चीन से इसी समय यह महामारी जिसका की पूर्व दिशा से फैलने का संकेत नारद संहिता में दे रखा था शुरू हुई थी। महामारी का अंत। ‘वशिष्ठ संहिता’ के अनुसार इस महामारी का प्रभाव 3 से 7 महीने तक रहेगा परंतु नव संवत्सर के प्रारम्भ से इसका प्रभाव कम होना शुरू हो जाएगा अर्थात भारतीय नव संवत्सर जिसका नाम ‘प्रमादी’* संवत्सर है जो कि 25 मार्च से प्रारंभ हो रहा है , इसी दिन से करोना का प्रभाव कम होना प्रारम्भ हो जाएगा।
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ऊॅ नमो भगवते महासुदर्शन वासुदेवाय धन्वन्तराय अमृतकलश हस्ताय सकल भयविनाशाय सर्वरोग निवारणाय त्रिलोकपतये त्रिलोकनिधये ऊॅ श्री महाविष्णुस्वरूप श्री धन्वन्तरि स्वरूप ऊॅ श्री श्री औषधचक्रनारायणाय नम: