नई दिल्ली । तय सीमा के बाद एटीएम (ATM) ट्रांजेक्शन के लिए अब लोगों को अपनी जेबें और ढीली करनी पड़ेगी। गौर हो कि ATM से कैश निकालने के लिए पहले 20 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन देना होता था। अब यह रकम बढ़कर 21 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन हो गया है। हालांकि, यह चार्ज केवल उन्हीं ग्राहकों को देना होगा, जो हर महीने की तय लिमिट से अधिक बार कैश निकालते हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने सभी बैंकों को ATM विड्रॉल चार्ज बढ़ाने की अनुमति दे दी है। अब 1 जनवरी, 2022 से ATM से तय लिमिट से ज्यादा बार पैसे निकालने के बाद पर ग्राहकों को हर ट्रांजेश्कन पर 20 रुपये के बजाए 21 रुपये देने होंगे। हालांकि, आरबीआई ने कहा कि ग्राहकों के लिए हर महीने अपने बैंक एटीएम से से पांच फ्री ट्रांजेक्शन (वित्तीय और गैर-वित्तीय ट्रांजेक्शन सहित) की सुविधा बनी रहेगी। वे मेट्रो सिटी में दूसरे बैंक के एटीएम से तीन और नॉन- मेट्रो सिटी में पांच फ्री ट्रांजेक्शन भी कर सकेंगे।
फ्री लिमिट के बाद अब देना होगा ज्यादा चार्ज
इसके अलावा बैंकों को एटीएम ट्रांजेक्शन की इंटरचेंज फीस हर फाइनेंसियल ट्रांजेक्शन 15 रुपये से बढ़ाकर 17 रुपये और नॉन-फाइनेंसियल ट्रांजेक्शन के लिए 5 से बढ़कर 6 रुपये करने की अनुमति दी गई है। आरबीआई ने कहा कि बैंकों को एटीएम लगाने की बढ़ती लागत और बैंकों/व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटरों द्वारा किए गए एटीएम रखरखाव के खर्च के साथ-साथ हितधारक संस्थाओं और ग्राहक सुविधा की सहूलियत को संतुलित करने की आवश्यकता को देखते हुए शुल्क बढ़ाने की अनुमति दी गई है।
जून 2019 में आरबीआई ने एटीएम शुल्क की समीक्षा के लिए इंडियन बैंक एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष वीजी कन्नन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। समिति की सिफारिशों को जुलाई 2020 में सार्वजनिक किया गया था। समिति ने एटीएम शुल्क की गणना के लिए जनसंख्या एक मेट्रिक के रूप में का उपयोग करने की सिफारिश की थी।
आरबीआई ने कहा कि एटीएम ट्रांजेक्शन के लिए इंटरचेंज शुल्क संरचना में अंतिम परिवर्तन अगस्त 2012 में किया गया था, जबकि ग्राहकों द्वारा देय शुल्कों को अंतिम बार अगस्त 2014 में संशोधित किया गया था। इस प्रकार इन चार्जेज को बदले गए काफी वक्त हो गया है।