पत्थलगांव। मनुष्य चांद पर पहुच चुका है, अब वह तकनीक्योंकि मदद से मंगल ग्रह पर भी पहुँचने के लिए विज्ञान के तरह तरह अविष्कार कर रहा है। ऐसे समय मे जब 21 वी शदी में हर कोई अत्याधुनिक नियमो को पालन कर अपनी भूमिका निभा रहे हैं, तो वही समाज के कुछ लोग ऐसे हैं जो कि अब भी अंधविश्वास का सहारा लेकर अपनी जान को आफत में डाल रहे हैं। कुछ ऐसा ही मामला छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले से प्रकाश में आया है। यहां के पत्थलगांव में गाज की चपेट में आने के बाद अंधविश्वास में जकड़े एक परिवार ने युवती को बचाने के लिए उसे सिर के पिछले हिस्से तक गोबर के गड्ढे में दबा दिया । युवती के परिजनों ने अंधविश्वास में उलझ कर घर के समीप गोबर के गड्ढे में युवती को गाड़ दिया था। इस दौरान पीडि़त युवती का चेहरा बस बाहर था। गौरतलब हो कि पत्थलगांव के फ रसाबहार जनपद का ग्राम कोल्हेनझरिया में शुक्रवार 24 अप्रैल को अचानक मौसम बदलने के बाद बारिश और ओलावृष्टि प्रारंभ हो गई। इस दौरान घर के आंगन में काम कर रही जयशिला नाम की युवती गाज की चपेट में आ गई थी। बेहोश हो जाने के बाद इस युवती के परिजनों ने उपचार के लिए अस्पताल ले जाने के बजाय अंधविश्वास वाले उपचार का सहारा लिया ।
समाज सेवियों ने किया अस्पताल दाखिल :–
गाज से पीडि़त इस युवती को उसके परिजनों ने तत्काल समीप के गोबर गड्ढे में गाड़ दिया था। गांव के समाज सेवी मनोज रात्रे को इस बात की जानकारी मिलते ही उसने पीडि़त के घर पहुंच कर इस तरह अंधविश्वास से इतर अस्पताल में चिकित्सा सुविधा दिलाने की समझाइश दी । इस युवती को लगभग डेढ घंटे के बाद कोल्हेनझरिया अस्पताल ले जाकर उपचार कराया गया । चिकित्सकों ने युवती की जान बचाने के लिए यथासंभव उपाय किए, जिससे युवती को बचा लिया गया है। जयशिला के डॉक्टरी उपचार से जान बचने के बाद अब परिजन भी मान रहे हैं कि बीमारी या घात में सबसे उपयुक्त उपचार डॉक्टर ही कर सकते हैं।