ऐसे करें बजरंगबली की पूजा, भगवान की मिलेगी तभी कृपा
- हनुमानजी को सिंदूर चढ़ाना चाहिए, लेकिन ये सिंदूर कभी सूखा न चढ़ाएं। बल्कि तिल के तेल में मिला कर ही चढ़ाएं। सूखा सिंदूर चढ़ाना भगवान को प्रसन्न नहीं करता है।
- हनुमानजी की आराधना हमेशा पवित्र मन से करनी चाहिए। मन में वासना, द्वेष या कपट होने पर पूजा फलीभूत नहीं हो सकती।
- बजरंबली का प्रसाद शुद्ध घी से ही बनाना चाहिए। यदि शुद्ध घी न हो तो आप फल चढ़ाएं।
- हनुमानजी को केसर के साथ घिसा लाल चंदन लगाना चाहिए, लेकिन यदि केसर न हो तो आप कच्ची हल्दी के साथ चंदन मिला कर लगाएं।
- हनुमानजी को कमल, गेंदे, सूर्यमुखी के फूल अर्पित करना चाहिए। ये तीनों फूल भगवान को बेहद प्रिय थे।
- हनुमान जी को सुबह अलग और शाम को अलग प्रसाद चढ़ाना चाहिए। सुबह में गुड़-नारियल का गोला और लड्डू, दोपहर में गुड़, घी और गेहूं की रोटी का चूरमा अथवा मोटी रोटी अर्पित करना चाहिए। वहीं रात में केवल प्रसाद चढ़ाएं जिसमें आम, अमरूद, केला आदि चढ़ा सकते हैं।
- हनुमान जी की पूजा में जो नैवेद्य अर्पित की जाए उसे साधक को ही ग्रहण करना चाहिए। इसे किसी और को न दें।
- हनुमानजी की पूजा में जब भी मंत्र का जाप करें आप भगवान के नेत्र में देखते हुए ही जपें। ऐसा करने से मंत्र फलीभूत होते हैं।
- हनुमानजी की पूजा स्त्रियों को भगवान को छूना मना है। भगवान को जो कुछ स्त्रियां चढ़ना चाहती हैं वह उनके समक्ष रख दें। सिंदूर भी उनके चरणों के आगे ही अर्पित करें।