देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना पर सवाल उठाते हुए इसे युवाओं के साथ धोखा बताया है। पौड़ी में पत्रकारों से बातचीत के दौरान पूर्व सीएम रावत ने योजना पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार जितने समय का प्रशिक्षण देकर अग्निवीर बनाने जा रही है इतने समय में तो एनसीसी का बी प्रमाण पत्र भी नहीं मिल पाता।
पौड़ी सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए हरीश रावत ने कहा कि चार साल के बाद इस योजना से चयनित युवाओं का क्या होगा इसका कहीं कोई जिक्र नहीं है और वह व्यक्तिगत तौर इस योजना के साथ खड़े नहीं है। रावत ने कहा कि रेजीमेंट का अपना इतिहास है।
उसमें उनकी युद्ध की वीरगाथों के साथ सभी कुछ है
यदि ऐसा होता रहा है रेजीमेंटों का इतिहास भी हाशिए पर चला जाएगा। रेजीमेंट हम सभी की शान है और नई योजना युवाओं पर कुठाराघात के सिवा कुछ नहीं है। पौड़ी के भट्टीगांव और सपलोड़ी में बीते दिनों गुलदार का शिकार हुई दो महिलाओं के परिजनों से मुलाकात करने के बाद हरीश रावत पौड़ी पहुंचे थे।
रावत ने कहा कि वनाग्नि और वन्य जीवों के हमलों में मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए और प्रभावित परिवार को पेंशन भी देनी चाहिए। जोड़ा कि वन्य जीव संघर्ष में मौत होने पर मुआवजा उनकी सरकार ने ही बढ़ाया था और वह आज भी उतना ही है।
पर्वतीय क्षेत्रों में लोग ग्राम रक्षक के तौर पर रह रहे हैं। रावत ने सरकार पर आरोप लगाया कि भराड़ीसैंण को लेकर सरकार का रवैया ठीक नहीं है। पौड़ी और भराड़ीसैंण को विकसित करने की जरूरत है। कहा कि कांग्रेस भराड़ीसैंण की लड़ाई को नहीं छोड़ेगी। कहा कि उनकी सरकार ने विधानसभा भवन व सचिवालय के लिए बजट दिया था। पौड़ी में हाई एल्टीट्यूट स्टेडियम का काम भी आधा-अधूरा ही किया गया है।
उन्होंने कहा कि जंगलों की आग पर काबू पाने के लिए एक रोड मैप बनाया गया था लेकिन इस सरकार ने उसे भी ठंडे बस्ते में डाल दिया। बोले कृषि निदेशालय पौड़ी में होना चाहिए। सरकार की अमृत सरोवर योजना पर सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि इससे अच्छा तो हमारी पारंपारिक चाल-खाल ही ठीक हो जाती तो बेहतर होता।