पंजाब। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई हिंसा, खास कर लाल किले में जो कुछ हुआ वह राष्ट्र का अपमान है। हाथों में लाठी, कृपाण एवं तिरंगा लिए हजारों किसान ट्रैक्टरों पर सवार होकर विभिन्न स्थानों पर अवरोधकों को तोड़ते हुए राजधानी में प्रवेश किए जिनकी पुलिस के साथ झड़प हुई। इनमें से लाल किले की घेराबंदी करने के लिए विभिन्न प्रवेश बिंदुओं से निकल पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना ने देश को शर्मसार किया है और इससे किसान आंदोलन कमजोर हुआ है। उन्होंने हालांकि, यह स्पष्ट किया कि वह किसानों के साथ खड़े हैं क्योंकि केंद्र का कृषि कानून गलत और भारत की संघीय व्यवस्था के खिलाफ है।उन्होने कहा कि केंद्र सरकार को इस मामले में इस बात की जांच करानी चाहिये कि कहीं इसमें कोई राजनीतिक दल अथवा कोई अन्य देश तो शामिल नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि किसी भी कृषक नेता को अनावश्यक परेशान नहीं किया जाए।
कैप्टन ने कहा कि राज्य के युवाओं का भविष्य शांति में है और हालिया घटनाक्रमों ने प्रदेश में निवेश की गति को धीमा कर दिया है। मुख्यमंत्री ने वारदातों को आंजाम देने वालों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की, जिनके बारे में उन्होंने कहा कि वे किसान नहीं थे बल्कि युवाओं को गुमराह करने वाले थे।कांग्रेस नेता ने कहा कि लोगों की आवाज सुनने में अगर सरकार विफल रहती है तो ऐसी घटनायें होती रहेंगी । उन्होंने कहा कि जनता के लिए और जनता द्वारा बनायी गयी सरकार जनता की इच्छा की अनदेखी नहीं कर सकती है।उन्होंने कहा कि भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र की राजग सरकार के प्रदर्शन को ऐसे देश में अगले चुनाव में स्वीकार नहीं किया जा सकता है जहां 70 फीसदी जनता किसान हो।