उत्तरकाशी, आजखबर। यमुनाघाटी व्यापार प्रतिनिधि मंडल ने जीएसटी सर्वे के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। व्यापारियों ने बैठक कर जीएसटी सर्वे के खिलाफ जनपद की सभी 25 नगर इकाइयों में एक साथ विरोध प्रदर्शन का निर्णय लिया है।
सोमवार को यहां हुई बैठक में व्यापारियों ने निर्णय लिया कि जीएसटी का सर्वे कर रहे कर्मचारियों को व्यापारिक प्रतिष्ठानों में नहीं घुसने दिया जाएगा। नगर इकाइयों के पदाधिकारी अपनी नगर इकाइयों में एक साथ विरोध शुरू कर छापे मारने वाले अधिकारियों का घेराव करेंगे। साथ ही मंगलवार को जिला एवं नगर इकाइयों में एक साथ विरोध प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजने, 28 जुलाई को सभी नगर इकाइयों में एक साथ जीएसटी के विरोध में प्रदेश सरकार का पुतला फूंकने का भी निर्णय लिया गया।
व्यापार प्रतिनिधिमंडल के जिला अध्यक्ष कबूल पंवार ने बताया कि दो साल लगातार कोरोना की मार से पीड़ित व्यापारी अभी उभर भी नहीं पाया है कि सरकार व्यापारियों पर कई तरह के टैक्स लगा कर उत्पीड़न में लगी है। उन्होंने कहा कि जीएसटी सर्वे की छापेमारी पूरी तरह से बंद होनी चाहिए। बैठक में जिला अध्यक्ष कबूल पंवार, जिला महामंत्री सुरेंद्र रावत, उपेंद्र असवाल, नितिन चौहान, अरविंद खंडूड़ी, तिलक रमोला, चतर सिंह, हरदेव राणा आदि मौजूद रहे। उधर, पोखरी में प्रांतीय व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिलाध्यक्ष महेंद्र प्रकाश सेमवाल ने कहा कि बाजारों में जीएसटी छापों के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। जीएसटी अधिकारियों के पास कर दाताओं का पूरा डाटा होता है। यदि कोई डिफॉल्टर है तो उसे नोटिस जारी किया जा सकता है। टैक्स बढ़ाने की नियत से व्यापारियों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। कहा कि इस तरह की कार्रवाई बंद नहीं हुई तो संगठन आंदोलन करने को मजबूर होगा।