पेइचिंग । भारत और अमेरिका के तनाव के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को चीनी नववर्ष की छुट्टियों के दौरान युद्ध के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। शी जिनपिंग ने यह भी कहा कि सेना सूचना युद्ध कौशल के लिए तैयार रह जो दुश्मन की सेना पर जीत के लिए बेहद अहम है। चीन ने यह बयान भारत और ताइवान के साथ चल रहे तनाव को देखते हुए दिया है। शी जिनपिंग के बयान के बाद चीन के आधिकारिक मीडिया में कई ऐसी रिपोर्टें आई हैं जिसमें कहा गया है कि चीनी सेना भारत से लगती सीमा पर हथियार जमा कर रहा है। यही नहीं चीन का सेंट्रल मिलिट्री कमिशन पूर्वी लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक एलएसी पर तैनात सैनिकों को निर्देश दे रहा है और साजो सामान की आपूर्ति की निगरानी कर रहा है।
सेना को ड्यूटी के दौरान अपनी जंगी तैयारी को बढ़ाना होगा
शी जिनपिंग ने अपने संदेश में कहा, बसंत महोत्सव के दौरान पूरी सेना को ड्यूटी के दौरान अपनी जंगी तैयारी को बढ़ाना होगा ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा, लोगों की खुशी और सद्भाव की रक्षा की जा सके। चीनी कैलेंडर के मुताबिक बसंत महोत्सव सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान करोड़ों लोग अपने घरों को लौटते हैं और सरकारी विभाग तथा मंत्रालयों में या तो छुट्टी होती है या बहुत कम स्टाफ होता है। पीएलए के एयरफोर्स एविएशन डिविजन की जांच के दौरान शी जिनपिंग ने एक विशेष एयरक्राफ्ट की जांच की जो खासतौर पर सूचना युद्धकौशल के लिए बना हुआ है। आधुनिक युद्धों में जीत हासिल करने के लिए सूचनाओं पर नियंत्रण जीत का प्रमुख हथियार हो सकता है। बता दें कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले कई महीने से गतिरोध चल रहा है। दोनों ही देशों के लाखों सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जमा हैं।
चीन ने अपनी सबसे घातक तोप भारत की सीमा पर तैनात किया
भारत और चीन की सेना के बीच कई दौर की बातचीत के बाद भी इस विवाद का हल नहीं हो सका है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग के संदेश अनुरूप चीनी सेना को 155 एमएम की होवित्जर तोप मिली है। इसके अलावा जंग में इस्तेमाल किए जाने वाले वाहन और टाइप 15 लाइट टैंक दिए गए हैं। रक्षा मामलों के विशेषज्ञ क्रिस ऑसबॉर्न ने कहा कि इन टैंकों की मदद से चीन भारत समेत अपने पड़ोसी देशों को उन जगहों पर कड़ी चुनौती दे सकता है जहां पहुंचना कठिन होता है। चीन ने अपनी सबसे घातक तोप पीसीएल-181 को भारत की सीमा पर तैनात किया है। इसके अलावा चीनी सैनिकों के लिए बड़ी मात्रा में राशन और गोला बारुद भी भेजा गया है।