लखनऊ । समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुरैना के चौसठ योगिनी मंदिर जाकर सुखद अनुभव किया। यादव ने इस प्राचीन एवं महत्वपूर्ण मंदिर के इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं की कमी को देखकर दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा सरकार को इसके रख रखाव के लिए सर्वोत्तम प्रबन्ध करना चाहिए।
यही कारण है कि राजनीति से इतर सार्वजनिक जीवन में उनका व्यवहार व भूमिका जिम्मेदार सचेत नागरिक के रूप में दिखता है। साहित्य, संस्कृति और परम्पराओं को लेकर उनकी दृष्टि एक संवेदनशील व्यक्ति के रूप में प्रदर्शित होती है। मुरैना स्थित चौंसठ योगिनी मंदिर का अवलोकन एवं उसके संरक्षण की चिंता यादव के वास्तुकला के प्रति गम्भीरता का उदाहरण है।कहा चम्बल के बीहड़ों के बीच बना यह मंदिर प्राचीनता और स्थापत्य कला का अनुपम उदाहरण है।
मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से 40किमी दूर मितावली पहाड़ी में तीन सौ फीट की ऊंचाई पर स्थापित 64 योगिनी मंदिर को इकोत्तरसो या इकंतेश्वर महादेव मंदिर भी कहा जाता है।जिसका निर्माण 9वीं सदी में प्रतिहार वंश के राजाओं ने करवाया था। मंदिर प्रांगण में पहले सभी देवी-देवताओं की मूर्तियां थी। एक हजार साल पहले इसकी ख्याति तांत्रिक अनुष्ठान विश्वविद्यालय के रूप में थीं जहां देश-विदेश से लोग शिक्षा ग्रहण करने आते थे।