राज्य सरकारों व विशेषज्ञों के परामर्श पर विचार करने में जुटी केंद्र सरकार
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर देश में 21 दिनों का लॉकडाउन है, जिसकी तारीख 14 अप्रैल को खत्म हो रही है। वहीं देश में बढ़ते जा रहे कोरोना प्रकोप के कारण राज्य सरकारों की लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने की राय पर गंभीरता से विचार कर रही है, जिसमें लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ाया जा सकता है।
सरकारी सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक कई राज्यों के अनुरोध के बाद केंद्र सरकार इसकी समय अप्रैल अंत तक के लिए बढ़ा सकती है। इसको लेकर प्रधानमंत्री जल्द घोषणा कर सकते हैं। केंद्र सरकार के सूत्रों की माने तो कई राज्यों के अनुरोध के बाद केंद्र सरकार लॉकडाउन बढ़ाने पर विचार कर रही है। इससे पहले कोरोना महामारी और लॉकडाउन के ताजा हालात पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर मंत्री समूह की बैठक हुई। इस बैठक में भी लॉकडाउन की समय सीमा को लेकर चर्चा हुई। मंत्रियों का मानना था कि अगर हम लॉकडाउन हटाते भी हैं तो लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाए रखना होगा। जबकि ट्रेन और बस सेवा को सामान्य नहीं किया जाएगा और हवाई सेवाओं को भी फिलहाल बंद ही रखा जा सकता है। इस बैठक में जो निष्कर्ष सामने आया है उसकी जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दे दी गई है ,जो विशेषज्ञों से भी इस बाबत चर्चा कर रहे हैं, लेकिन ऐसी संभावनाएं बढ़ गई हैं कि पीएम मोदी जल्द ही लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने का निर्णय लेकर ऐलान कर सकते हैं। वहीं एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यस से कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक के बाद जब केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से पूछा गया कि क्या 15 अप्रैल से देश में लॉकडाउन हट जाएगा, तो उन्होंने कहा कि देशहित में जो भी फैसला होगा, वह सही समय पर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम वैश्विक स्थित पर भी लगातार नजर बनाए हुए हैं। वहीं, देश के कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना व महाराष्ट्र सरकार ने भी केंद्र सरकार को लॉकडाउन बढ़ाने पर विचार करने को कहा है।
सोनिया गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को दिए पांच सुझाव
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो पेज का एक पत्र लिखकर कोरोना से लड़ाई में आगे सरकार को क्या करना चाहिए, इस पर पांच सुझाव दिए हैं। प्रधानमंत्री ने सोमवार को विपक्षी नेताओं से फोन पर बात करके उनसे सुझाव मांगे थे। सोनिया गांधी ने सांसदों का वेतन कम करने के फैसले का समर्थन करते हुए सरकार से विज्ञापन पर खर्च सीमित करने, सेंट्रल दिल्ली में नई संसद और दूसरे भवनों के निर्माण की योजना को टालने, सरकार के खर्चे में 30 परसेंट कटौती करके वो पैसे मजदूरों, किसानों को आर्थिक सुरक्षा देने, मंत्रियों और अधिकारियों की फिजूल विदेश यात्रा पर पीएम द्वारा रोक लगाने और पीएम केयर्स फंड में मिले पैसों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में ट्रांसफर करने का सुझाव दिया है।