नई दिल्ली। केंद्र सरकार को चाहिए कि वह मुद्रा स्फीति, राजस्व घाटे की चिंता छोडक़र थोड़ा खोले। कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगे लॉकडाउन के दौर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार को कुछ बड़े कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अभी सरकार ने राहत उपायों के रूप में जीडीपी के एक फीसदी से कम की घोषणाएं की है, जबकि जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस जैसे देशों जीडीपी का 15 फीसदी तक हिस्सा राहत पैकेज के रूप में दिया है।
आनंद शर्मा ने याद दिलाते हुए कहा कि 2008 में आर्थिक मंद्री के दौरान उनकी सरकार ने जीडीपी का तीन प्रतिशत तक राहत पैकेज दिया था। इसलिए सरकार को चाहिए कि सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों के लिए राहत पैकेज की घोषणा करे। समाज के निचले तबके, गरीब, मजदूर के खाते में सीधे पैसा डाले और किसान के हितों का ख्याल रखे। आनंद शर्मा ने मझोले, लघु और सूक्ष्म उद्योगों को लेकर कहा कि सरकार की बैंको के कर्ज को समीक्षा करने की जरूरत है। मध्यम वर्ग भी दबाव में है। निचले तबके को सरकार से सहायता मिल जा रही है, लेकिन मध्य वर्ग को लेकर स्थिति साफ नहीं है। केंद्र सरकार को चाहिए कि वह मध्यम वर्ग को आयकर में छूट देने जैसी कुछ घोषणाएं करे। इसके अलावा लॉकडाउन मंगलवार को खत्म हो रहा है। प्रधानमंत्री को चाहिए वह इसके अगले चरण की घोषणा के साथ कामकाज की गाड़ी को पटरी पर ले आने के लिए चरण बद्ध तरीके से आगे बढ़ें। जहां तीन शिफ्ट में काम होता था, वहां एक शिफ्ट में सही, कामकाज, उत्पादों का परिवहन, वितरण, जरूरी वस्तुओं की उपलब्धता के लिए कदम उठाए।
राज्य के साथ भेदभाव न करने की सलाह
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह समय दलगत राजनीति का नहीं है। हम (कांग्रेस) एकजुट होकर दलीय राजनीति से ऊपर उठकर कोविड-19 के संक्रमण तथा मौजूदा हालात का सामना करने के पक्षधर हैं। इस संदर्भ में उन्होंने प्रधानमंत्री को किसी भी राज्य के साथ कोई भेदभाव न करने की सलाह दी। हालांकि आनंद शर्मा ने कहा कि उनके पास किसी राज्य से भेदभाव किए जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। शर्मा ने इसी के साथ सुझाव दिया कि केन्द्र सरकार को मनरेगा के बकाया धनराशि और राज्यों को उनके जीएसटी का हिस्सा तत्काल देना चाहिए। आनंद शर्मा ने कहा कि राज्यों के पास केंद्र की तरह अपने कोई वित्तीय साधन नहीं है। बिजनेस गतिविधियां भी ठप हैं। इसलिए केंद्र सरकार को राज्यों की मदद के लिए आागे आना चाहिए। आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री से चर्चा के दौरान राज्यों के मुख्यमंत्री ने अपनी समस्या बताई है। प्रधानमंत्री को उनकी समस्या पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।