लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोर टीम के साथ बैठक की। इस दौरान यूपी में मरीजों को दी जा रही सुविधाओं को लेकर मंथन किया गया। अधिकारियों की मानें तो राज्य में अब तक 4.85 करोड़ लोगों की कोरोना
वायरस की स्क्रीनिंग की जा चुकी है अधिकारियों ने बताया कि कोरोना के मेडिकल परीक्षण के लिए 78 लाख से अधिक घरों में यूपी स्वास्थ्य विभाग की टीमें पहुंचीं। इन घरों में लोगों की स्क्रीनिंग की गई।
बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जो भी श्रमिक घर लौट रहे थे, उन्हें संगरोध केंद्रों में रखा गया
सभी प्रवासी श्रमिकों की चिकित्सा स्क्रीनिंग की गई।
घर जाने से पहले सभी को राशन किट प्रदान किए गए।
श्रमिकों की स्किल मैपिंग भी की गई और अब उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
निगरानी समितियां भी ऐक्टिव
कोरोना संदिग्धों पर नजर रखने और संगरोध केंद्रों में निगरानी
रखने के लिए गांव के स्तर पर निगरानी समितियों की स्थापना की गई है।
समितियों ने संबंधित अधिकारियों को गांव स्तर पर
विकास के बारे में बताया और चिकित्सा जांच में मदद की।
मुख्यमंत्री ने टीम 11 की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में एक, दो और तीन स्तर के
कोविड अस्पतालों में एक लाख से अधिक बेड उपलब्ध कराए गए हैं, इनमें से 2000 बेड वेंटिलेटर से युक्त हैं।
बैठक के बाद बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि 14268 इलाकों में सर्विंलांस का काम हो चुका है।
इसमें 3989 हॉटस्पॉट वाले इलाके भी हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी टीमों ने राज्य के 80 लाख 15 हजार 712 घरों में जाकर स्क्रीनिंग का काम किया है।
इसमें 4 करोड़ से अधिक लोगों की कोरोना स्क्रीनिंग की जा चुकी है।
12 लाख से अधिक श्रमिकों की हुई ट्रैकिंग
प्रसाद ने बताया कि इन टीमों के अलावा हमारी आशा वर्कर भी लगातार काम कर रही हैं।
बाहर से आ रहे प्रवासी श्रमिकों का भी स्क्रीनिंग किया जा रहा है।
आशा वर्करों ने अभी तक 12 लाख से अधिक प्रवासियों की ट्रैकिंग की है।
इसमें से 1102 लोगों में कोरोना के लक्षण दिखे हैं।