हरिद्वार, । गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार के अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय के निर्देशन में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एक नया आविष्कार किया गया है। आविष्कार यह है कि विश्वविद्यालय में पुरानी वेस्ट मैटिरियल के द्वारा पैंडल आपरेटेड हैण्ड सेनेटाइजर डिस्टेंशिंग मशीन का युवा वैज्ञानिकों द्वारा निर्माण किया गया है।
इस मशीन को पैर के माध्यम से खुद को सेनेटाइजर किया जा सकता है। कुलपति कार्यालय में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रूपकिशोर शास्त्री ने इस मशीन का पैर से दबाकर उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि अभियात्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के युवा वैज्ञानिकों द्वारा इस मशीन का आविष्कार किया गया है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के द्वारा विश्वविद्यालय के सभी विभागों में इस मशीन को लगाया जाएगा। इस तरह से कोरोना महामारी से सुरक्षित रहने के लिए अध्यापक और विद्यार्थी खुद को सेनेटाइज कर सकेंगे।
अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो0 पंकज मदान ने जानकारी देते हुए कहा कि मैकेनिकल विभाग के इंचार्ज संजीब लाम्बा और उनकी टीम के द्वारा पैंडल आपरेटेड हैण्ड सेनेटाइजर डिस्टेंशिंग मशीन का आविष्कार किया गया है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरूआत देश में की है।
इस दिशा में विश्वविद्यालय ने प्रथम पहल करके इस मशीन का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में इस मशीन को लगाने से डिस्टेंश का पूरा पालन हो सकेगा। बाहर से आने वाले छात्रों को कोरोना जैसी महामारी से सुरक्षित रखने में मील का पत्थर साबित होगी। इस मशीन को बनाने में संजीव लाम्बा, विकास देशवाल, अनिरूद्ध यादव, प्रविन्द्र कुमार, महेश, सचिन, रोहित पाल, धीरज, योगेश कुमार, ऋषि कुमार प्रजापति, सुनील कुमार आदि लोगों का विशेष योगदान रहा है।