Vijay Diwas: भारतीय सैनिकों के शौर्य और साहस की वीरगाथा है ‘विजय दिवस’

Vijay Diwas: भारतीय सैनिकों के शौर्य और साहस की वीरगाथा है 'विजय दिवस'

Vijay Diwas: भारतीय सैनिकों के शौर्य और साहस की वीरगाथा है 'विजय दिवस'

भारत में हर साल 16 दिसंबर (16 December) को ‘विजय दिवस‘ (Vijay Diwas) मनाया जाता है, लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि यह ‘दिवस’ किस ‘विजय’ के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। अगर नहीं, तो जान लें, ये वो दिन है जब पूरे विश्व ने भारतीय सैनिकों के शौर्य को सलाम किया। यह वो दिन है जब भारतीय सैनिकों ने अपनी वीरता और साहस से पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को घुटनों पर ला दिया और और पाकिस्तान के दो टुकड़े कर ‘बांग्लादेश’ को बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई। आइए हम जानते है 1971 में भारतीय सैनिकों द्वारा लिखी गई इस ‘वीरगाथा’ को।…

भारत पर हवाई हमले के बाद शुरू हुआ युद्ध

पूर्व पाकिस्‍तानी में कई वर्षों से आजादी को लेकर आंदोलन चल रहा था, जिसको दबाने के लिए पाकिस्‍तानी सैनिकों द्वारा आम बांग्लियों पर जमकर अत्याचार किया जा रहा था। इस दौरान भारत ने भी इस आंदोलन को समर्थन दे दिया, इससे नाराज पाकिस्तान ने 3 दिसंबर, 1971 को भारतीय वायुसेना के 11 स्टेशनों पर हवाई हमला कर दिया। जिससे यह बांग्लादेश स्वतंत्रता आंदोलन भारत पाकिस्‍तान युद्ध में बदल गया। भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उसी वक्त आधी रात को ऑल इंडिया रेडियो के जरिए पूरे देश को इस हमले की जानकारी देते हुए युद्ध की घोषणा कर दी। युद्ध के तहत इंदिरा गांधी ने भारतीय सेना को ढाका की तरफ कूच करने का हुक्म दे दिया और भारतीय वायुसेना ने पश्चिमी पाकिस्तान के अहम ठिकानों और हवाई अड्डों पर बम बरसाने शुरू कर दिये।

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