उत्तराखंड: वाहनों की टक्कर में बुलेट सवार दो छात्रों की मौत

सिविल लाइंस में जामुन रोड पर दोपहिया वाहनों की टक्कर में दो छात्रों की मौत हो गई। सड़क हादसे में दोनों वाहन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। पुलिस ने शव कब्जे में लिए हैं। वहीं स्कूटी सवार दोनों छात्रों को चोट नहीं आई और वे स्कूटी छोड़कर मौके से भाग गए।

पुलिस के मुताबिक सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र के डबल फाटक निवासी संजय ट्रांसपोर्ट कारोबारी हैं। उनका बेटा रक्षित शहर के एक स्कूल में 12वीं कक्षा का छात्र है। वहीं सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र के सोलानीपुरम निवासी राजीव की अनाज मंडी में परचून की दुकान है। राजीव का बेटा प्रणव भी रक्षित के साथ उसी स्कूल में इंटर का छात्र है।

दोनों छात्र बुलेट से ट्यूशन पढ़ने जा रहे थे। जैसे ही इनकी बुलेट जामुन रोड पर पहुंची तो स्कूटी से टक्कर होने के बाद बुलेट पेड़ से टकरा गई। हादसे में दोनों वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। हादसे में बुलेट सवार दो छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद आसपास के लोग मौके पर पहुंचे।

पुलिस ने घायल रक्षित और प्रणव को अस्पताल में उपचार के लिए भेजा। जहां पर चिकित्सकों ने रक्षित और प्रणव को मृत घोषित कर दिया। हादसे के बाद पुलिस ने मृतकों के स्वजनों को इसकी सूचना दी। पुलिस ने दोनों के शव कब्जे में लिए हैं। हादसे के बाद दोनों छात्रों के परिवार में मातम छाया है।

सिविल लाइन कोतवाली के एसएसआइ प्रदीप कुमार ने बताया कि स्कूटी पर सफीपुर निवासी दो लड़के सवार थे। दोनों एक इंटर कॉलेज के छात्र हैं। पुलिस को पता चला कि उनकी स्कूटी का तेल खत्म हो गया था। वे स्कूटी मोड़ कर वापस जा रहे थे। इसी दौरान सामने से आ रही बुलेट उनकी स्कूटी से टकराने के बाद पेड़ से टकराई थी। छात्रों ने बताया कि हादसे के बाद दोनों डर कर वहां से भाग गए थे। हादसे में दोनों छात्रों को किसी तरह की चोट नहीं आई है।

रक्षित के जन्मदिन मनाने की चल रही थी तैयारियां 

सड़क हादसे को लेकर शहर में मातम का माहौल है।  छात्रों की मौत से दोनों परिवार के लोगों पर दुख का पहाड़ टूट गया। बताया गया है कि सड़क हादसे में मारे गए छात्र रक्षित का 5 फरवरी को जन्मदिन था। जन्मदिन के दिन जागरण का भी आयोजन होना था। जिसे लेकर परिवार में खुशी का माहौल था, जो मातम में बदल गया। बताया गया कि दिल्ली रोड स्थित एक रेस्टोरेंट को इस आयोजन के लिए बुक किया था। इसके विपरीत होनी को कुछ और ही मंजूर था। दोनों परिवार सदमे में हैं।

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