उत्तराखंड: सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा बदले हुए पैटर्न के साथ होगी

इस बार केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा बदले हुए पैटर्न के साथ होगी। कई विषयों की परीक्षा में विवरणात्मक प्रश्नों की संख्या कम होगी। लघुउत्तरीय व वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की संख्या में इजाफा होगा।

सीबीएसई ने ये बड़े बदलाव परिणाम में सुधार और बच्चों का समय बचाने के उद्देश्य से किए हैं। सीबीएसई के क्षेत्रीय निदेशक रणबीर सिंह ने स्कूलों को बदले हुए पैटर्न के साथ ही छात्रों को बोर्ड परीक्षा की तैयारी कराने के आदेश दिए हैं।

इस बदलाव को छात्रों के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है। क्योंकि, इससे परीक्षा के दौरान छात्रों का काफी समय बचेगा। जबकि, बोर्ड ने प्रश्नों के उत्तर देने की समय-सीमा में कोई बदलाव नहीं किया है।

इन विषयों के पैटर्न में बदलाव

10वीं में हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, गृह विज्ञान और संस्कृत। 12वीं में गणित, फिजिक्स, केमिस्ट्री, अकाउंट, सोशियोलॉजी, इकॉनोमिक्स और बिजनेस स्टडीज।

ऐसे आएंगे प्रश्न

मल्टीपल च्वाइस: एक सवाल के लिए दिए चार विकल्पों में से एक को चुनना होगा।

मल्टीपल रेस्पॉन्स: मल्टीपल च्वाइस की तरह ही एक सवाल और चार विकल्प होते हैं। लेकिन, यहां दिए गए चार विकल्प में से एक से ज्यादा सही होते हैं।

सही और गलत: इसमें एक वाक्य दिया जाता है। जो सही है या गलत, परीक्षार्थी को बताना होता है।

खाली स्थान भरें: वाक्य में एक या उससे ज्यादा खाली जगहें दी गई होंगी। जिसमें सही जवाब भरना होगा

असर्शन-रीजन: प्रश्न में दिए गए वाक्य के साथ उसकी व्याख्या दी जाएगी। इसके लिए विकल्प दिए जाएंगे। इसमें यह देखना होगा कि वाक्य और उसकी व्याख्या सही है या नहीं। फिर दिए गए विकल्पों में से सही जवाब बताना होता है।

मैच मेकिंग: प्रश्न में दो कॉलम दिए जाएंगे। दोनो ओर दिए गए वाक्यों को सही जवाब देते हुए मिलान करना होगा।

परीक्षा केंद्र बदलने की इजाजत

शहीद सैनिकों के बच्चों को सीबीएसई ने परीक्षा नियमों में रियायत दी है। इस श्रेणी के बोर्ड परीक्षार्थी अगर शहर में अपना परीक्षा केंद्र बदलवाना चाहते हैं तो उन्हें ऐसा करने की इजाजत होगी। उन्हें किसी अन्य शहर में परीक्षा केंद्र का चयन करने की भी अनुमति होगी। प्रयोगिक परीक्षा में छूट देने का प्रावधान किया गया है। ऐसे परीक्षार्थी दो अप्रैल 2020 तक सुविधा के हिसाब से प्रयोगिक परीक्षा दे सकते हैं। परीक्षार्थियों को इन सुविधाओं के लिए स्कूल से अनुरोध करना होगा।

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