देहरादून/उत्तराखंड। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले के मतदाताओं को वर्चुअली संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज मैं आप सबसे टेक्नोलॉजी के माध्यम से जुड़ा हूं। लेकिन ये मेरा सौभाग्य है कि इस चुनाव के दौरान मुझे पहली बार रूबरू आकर के आप सबके दर्शन करने का मौका मिलेगा। इसलिए मैं 10 फरवरी गुरुवार को उत्तराखंड के श्रीनगर पहुंचूंगा। इस दौरान आपके दर्शन भी करूंगा और आपसे बातचीत भी करूंगा।
कहा कि आजादी के बाद भी उत्तराखंड के गांव में हमारी वीर माताओं ने अपनी संतानों को राष्ट्र को सौंपा। हमारी वीर बहनों ने अपनों को राष्ट्र रक्षा के लिए तिलक किया। उन सभी बलिदानों को भी देश आज श्रद्धापूर्वक स्मरण कर रहा है। ये चुनाव इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने में अहम भूमिका निभाएगा और अगले 25 साल की बुनियाद को मजबूत करेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि नींव जितनी मजबूत होती है, उतनी ही मजबूत इमारत भी बनती है। इस अमृतकाल में उत्तराखंड और देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का अवसर मिला है। इन चुनावों में आपके सामने कुछ अन्य दल भी हैं। कुछ दल ऐसे हैं जिन्होंने बरसों तक उत्तराखंड से दुश्मनी निकाली और कुछ दल ऐसे हैं जो उत्तराखंड को तबाह करने की नीयत से यहां आए हैं। वो लोग आए हैं जिन्होंने कोरोना के कठिन काल में बसें भरकर उत्तराखंडियों को दिल्ली से धकेल दिया था।
कांग्रेस की नीयत और निष्ठा क्या है, इसका अनुमान इनके चुनाव कैंपेन और नारों से लगाया जा सकता है। दिल्ली में ये अनेक दशकों तक सत्ता में रहे, इनके नेता यहां सैर-सपाटे के लिए आते रहे। लेकिन तब इनको चार धाम की याद नहीं आई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जितनी ताकत से हम 21वीं सदी की तरफ बढ़ना चाहते हैं, देश का दुर्भाग्य है कि नकारात्मक सोच में डूबी हुई, विकृत मानसिक विचारों से प्रभावित कांग्रेस उतनी ही ताकत से देश को 20वीं सदी में धकेलने की कोशिश कर रही है। दशकों तक उन्होंने उत्तराखंड के सपनों, यहां की आकांक्षाओं को कुचला है।
लेकिन अटल जी ने इनकी हर बहानेबाजी को गलत सिद्ध करते हुए उत्तराखंड की आकांक्षाओं को बल दिया। कांग्रेस के लोग जिस यूनिवर्सिटी की बात कर रहे हैं, वो उनकी तुष्टिकरण की राजनीति का जीता-जागता सबूत है।
हमने हर वर्ग, हर सम्प्रदाय के लिए देश की पहली राष्ट्रीय डिजिटल यूनिवर्सिटी की घोषणा बजट में की है। इसका बड़ा लाभ उत्तराखंड जैसे पहाड़ी प्रदेश के लोगों को होगा। कहा कि उत्तराखंड वो तपोभूमि है जहां पूरी दुनिया से लोग सिद्धि के लिए आते हैं। जब अच्छे संकल्प से कोई यज्ञ होता है तो कुछ छल-छलावे वाली शक्तियां उसमें बाधा डालने वाली फिराक में रहती हैं। इनके मंसूबों को हमें पूरा नहीं होने देना है। हमें उत्तराखंड के विकास का ये यज्ञ पूर्ण सिद्धि तक ले जाना है।