DIT University के छात्रों ने जाने सूक्ष्म लाइट के रहस्य

देहरादून। डी आई टी विश्वविद्यालय में लेट श्री नवीन अग्रवाल जी मेमोरियल लेक्चर सीरीज के अंतर्गत एक व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसको टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ फंडामेंटल रिसर्च मुंबई के डिपार्टमेंट ऑफ न्यूक्लियर एंड एटॉमिक फिजिक्स के प्रोफेसर डॉक्टर जी रविंद्र कुमार ने संबोधित किया। इस मौके पर कार्यक्रम की शुरुआत डीआईटी यूनिवर्सिटी के चांसलर प्रो एन रविशंकर, वाइस चांसलर प्रो जी रघुरामा, प्रो वाइस चांसलर प्रियदर्शन पात्रा एवं प्रो डॉक्टर रविंद्र कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
इसके उपरांत डॉक्टर देवाशीष चौधरी ने डॉ रविंद्र कुमार के बारे में बताया कि प्रोफेसर डॉ रविंद्र कुमार अपनी रिसर्च प्लाजमा एंड ऑप्टिकल फिजिक्स के लिए जाने जाते हैं। बिरला इंस्टिट्यूट से मैकेनिकल इंजीनियरिंग कर 1990 में आईआईटी कानपुर से पीएचडी की, उसके उपरांत कई सम्मान प्राप्त किए जिनमें शांति स्वरूप भटनागर सम्मान, जेसी बोस फैलोशिप, बीएम बिरला साइंस प्राइस, इंफोसिस प्राइस, आदि शामिल है। वही उनको कई एलुमिनस अवार्ड भी दिए गए जिन में आईआईटी कानपुर और बिट्स पिलानी अहम भूमिका निभाते हैं।
प्रो. कुमार ने लेजर पल्स एटोसेकंड स्केल (एक सेकंड के अरबवें का एक अरबवां हिस्सा) तक सीमित और संकीर्ण बनाने के पीछे की तकनीक का वर्णन किया और यह भी बताया कि कैसे लेजर बीम क्रॉस-सेक्शन को बहुत छोटे क्षेत्रों तक सीमित करके उन्हें बहुत उच्च शक्ति वाला बनाया जा सकता है। उन्होंने छात्रों से विभिन्न विषयों पर वार्तालाप किया और छात्रों के कई सवालों के जवाब भी दिए। डी आई टी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर डॉक्टर जी रघुरामा ने शॉल पहनाकर डॉ रविंद्र का इस पूरे व्याख्यान के लिए धन्यवाद किया और अंत में उन्होंने कहा कि डी आई टी विश्वविद्यालय के संस्थापक लेट श्री नवीन अग्रवाल जी की याद में यह लेक्चर सीरीज शुरू की गई है जो कि हर साल इसी तरह से आयोजित की जाएगी, जिसमे इसी तरह से विख्यात प्रोफेसर को व्याख्यान के लिए यूनिवर्सिटी में आमंत्रित किया जाएगा जिससे छात्रों का ज्ञानवरधन हो सके। अंत में चांसलर डी आई टी विश्वविद्यालय प्रो एन रवि शंकर ने सभागार में मौजूद सभी उपस्थित छात्रों एवं अतिथियों का धन्यवाद किया। कार्यक्रम का संचालन डीन एलुमनाई नवीन सिंघल द्वारा किया गया।

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