दिल्ली की उत्तर-पूर्वी दिल्ली अब पूरी तरह शांत है. धीरे-धीरे जनजीवन भी पटरी पर लौट रहा है. इलाके में साफ-सफाई का काम प्रशासन तेजी से करवा रहा है. इसके साथ पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा शांति बहाली की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाई जा रही है. जैसे-जैसे हालात सामान्य हो रहे हैं, लोग अपने दुख, अपने साथ हुए अत्याचारों की कहानी बताने सामने आ रहे हैं. ऐसे में कुछ ऐसे नाम भी सामने आ रहे हैं, जिन्होंने हिंसा के दौरान अदम्य साहस का परिचय दिया और हिंसक भीड़ से कई लोगों की जान बचाई.
24 फरवरी को गोकुलपुरी इलाके में भड़की हिंसा के दौरान ऐसे ही बाप-बेटे की एक जोड़ी चुपचाप नेक काम में लगी हुई थी. इन दोनों ने बड़ी बहादुरी के साथ इलाके में फंसे करीब 70 मुसलमानों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया और उनकी जान बचाई. जानकारी के मुताबिक, मोहिंदर सिंह ने अपने बेटे की मदद से अपने दुपहिया वाहनों पर गोकुलपुरी बाजार से मुस्लिम परिवारों को कर्दमपुरी तक पहुंचाया.