देहरादून। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनएसडीसी इंटरनेशनल, मलेशिया के युवाओं को नए युग के कौशल के साथ सशक्त बनाने के लिए टैलेंट कॉर्पाेरेशन मलेशिया बरहाद (टैलेंटकोर्प) को सशक्त डिजिटल कौशल समाधान प्रदान करेगी। यह साझेदारी दोनों देशों में कौशल विकास को बढ़ावा देकर भारत और मलेशिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और भी मजबूत करेगी।
एनएसडीसी इंटरनेशनल के एमडी एवं सीईओ वेद मणि तिवारी और टैलेंट कॉर्पाेरेशन मलेशिया बरहाद (टैलेंटकोर्प) के ग्रुप सीईओ थॉमस मैथ्यू ने बुधवार को कौशल भवन में इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर जयंत चौधरी, माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई), भारत सरकार तथा स्टीवन सिम ची किओंग, मानव संसाधन मंत्री, मलेशिया सरकार भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर जयंत चौधरी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), और शिक्षा राज्य मंत्री, भारत सरकार ने कहा कि उद्योग जगत की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए हमारा कौशल विकास कार्यक्रम डिज़ाइन किया गया है। गहन सर्वेक्षण के बाद हमने कौशल की खामियों की पहचान की और स्किल इंडिया डिजिटल हब इन खामियों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मुझे विश्वास है कि एनएसडीसी इंटरनेशनल के टेक एडवाइजरी समाधानों से टैलेंटकोर्प को बहुत लाभ होगा। यह साझेदारी दोनों देशों को एक-दूसरे से सीखने और विकास के अवसर प्रदान करेगी।ष्
यह साझेदारी आपसी सहयोग के दो मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगीरू मलेशिया के टैलेंट सिस्टम का डिजिटलीकरण और डिजिटल रूप से सत्यापन योग्य क्रेडेंशियल्स को लागू करना। व्यापक स्किलिंग डिजिटल कार्यक्रम के माध्यम से यह पहल पाठ्यक्रम विकास, कंटेंट निर्माण, प्रशिक्षण के डिज़ाइन एवं डिलीवरी, और सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं के साथ मूल्यांकन एवं सर्टिफिकेशन प्रक्रियाओं को बेहतर बनाएगी। मलेशिया में इस योजना को लागू करने के लिए एनएसडीसी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अध्ययन किया जाएगा।
इस साझेदारी के तहत डिजिटल रूप से सत्यापन योग्य क्रेडेंशियल्स के लिए एनएसडीसी ट्रस्ट की पहल को भी लागू किया जाएगा, जिससे उच्च शिक्षा, कार्य एवं अन्य प्रयोजनों के लिए मलेशिया आने वाले भारतीय यात्रियों के दस्तावेज़ों का सत्यापन आसान हो जाएगा। इससे अकादमिक, कौशल, वित्तीय एवं पेशेवर योग्यता की पहचान को अधिक प्रमाणित और विश्वसनीय बनाया जा सकेगा। कुल मिलाकर सत्यापन प्रक्रिया के आसान होने से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध और भी मजबूत होंगे।
इस अवसर पर स्टीवन सिम ची किओंग, मानव संसाधन मंत्री, टैलेंट कॉर्पाेरेशन मलेशिया बरहाद ने कहा कि टैलेंटकोर्प के माध्यम से, हमने मलेशियाई सरकार के मार्गदर्शन में विशेष कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया है। हमने पाया है कि इस कार्यक्रम के प्रतिभागी 10-15 प्रतिशत अधिक वेतन पाते हैं, यानी प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उनकी उत्पादकता बढ़ने से उन्हें बेहतर वेतन मिलता है। यह समझौता ज्ञापन दोनों मंत्रालयों और दोनों देशों को सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि इस साझेदारी का उद्देश्य सशक्त डिजिटल समाधानों के माध्यम से मलेशिया के युवाओं के मानव पूंजी विकास को बढ़ावा देना है। यह मलेशिया सरकार द्वारा निर्धारित प्राथमिकताओं के अनुरूप है और इसका उद्देश्य देश के युवाओं को 21वीं सदी के जॉब मार्केट के लिए तैयार करना है।
इस समझौते के तहत टैलेंटकोर्प, एनएसडीसी इंटरनेशनल के सहयोग से सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं को अपनाकर कौशल की बदलती आवश्यकताओं को पूरा करेगा, और युवाओं को 21वीं सदी के जॉब मार्केट के लिए तैयार करेगा। इससे मलेशिया के युवाओं के लिए न केवल देश में बल्कि दुनिया भर में भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
यह साझेदारी कौशल विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है और मानव पूंजी विकास के सीमा-पार प्रयासों में नए बेंचमार्क स्थापित करेगी।
इस अवसर पर उपस्थित अन्य प्रतिनिधियों में शामिल थे-अतुल कुमार तिवारी, सचिव, एमएसडीई; मिस हिना उस्मान, संयुक्त सचिव, एमएसडीई; अजय कुमार रैना, सीओओ, एनएसडीसी इंटरनेशनल; श्रेष्ठा गुप्ता, सीटीओ, एनएसडीसी और एनएसडीसी इंटरनेशनल तथा कमल बिन पारदी, डायरेक्टर जनरल, डिपार्टमेंट ऑफ लेबर पेनिनसुलर मलेशिया, मानव संसाधन मंत्रालय, राजा मोहम्मद निज़ाम बिन राजा कमरूलबहरीन, अंडरसचरेटरी ऑफ इंटरनेशनल डिवीजन, मानव संसाधन मंत्रालय, सिवा कुमेरेन ए. नारायणन, ग्रुप चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, टैलेंटकोर्प।