अलर्ट के बावजूद नहीं मानीं,सीएम आवास घेरने निकली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं

पुलिस एवं प्रशासन के आग्रह को दरकिनार कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने परेड ग्राउंड से सीएम आवास कूच कर कानून-व्यवस्था तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रशासन ने शुक्रवार को जुमे की नमाज और सीएए को लेकर पनपे विरोध को देख समस्त कर्मचारी संगठनों से अपने आंदोलन स्थगित करने के लिए कहा था। उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन और रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने तो अपनी महारैली स्थगित कर दी, मगर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने दोपहर तक परेड ग्राउंड में पुलिस-प्रशासन को उलझाए रखा और फिर देर रात तक सीएम आवास वाली सड़क पर।

सीएए के विरोध में बीते रविवार को जिस तरह मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली थी, उससे जिला प्रशासन व पुलिस की बैचेनी बढ़ी हुई थी। खासकर जुमे की नमाज को लेकर अतिरिक्त चौकसी बरती जा रही थी। सुबह से ही पूरे शहर में पुलिस चप्पे-चप्पे पर और मिश्रित आबादी वाले इलाकों में तैनात कर दी गई थी। जुमे की नमाज के साथ ही शहर में वीवीआइपी मूवमेंट के चलते रूट डायवर्ट भी किए गए थे। इसी बीच आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की परेड ग्राउंड में जुटी तीन से चार हजार की संख्या ने पुलिस की चिंता बढ़ा दी। वहीं स्थित भाजपा महानगर कार्यालय में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी आना था। पुलिस को सूचना मिली कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सीएम का घेराव कर सकती हैं। इस कारण भारी संख्या में पुलिस बल वहां भेजा गया और कार्यकर्ताओं को धरना-स्थल से बाहर न आने की हिदायत दी गई।

हंगामे और नारेबाजी के बीच सीएम भाजपा महानगर कार्यालय आए व सुरक्षित निकल गए तो पुलिस ने राहत की सांस ली। लेकिन, शाम चार बजे सुरक्षा घेरा तोड़कर कार्यकर्ताओं ने सीएम आवास कूच कर लिया। परेड ग्राउंड से ग्लोब चौक होते हुए राजपुर रोड से दिलाराम तिराहा पहुंची कार्यकर्ता वहीं सड़क पर बैठ गईं। इससे राजपुर रोड व हाथीबड़कला जाने वाले मार्ग पर जाम लग गया। किसी तरह वह मानीं मगर हाथीबड़कला मार्ग की ओर चल पड़ीं। दो गुटों में कार्यकर्ता सर्वे गेट व हाथीबड़कला बैरियर पर सड़क पर बैठ गईं और दोनों ओर का यातायात बंद कर दिया। पुलिस-प्रशासन के आला अफसर सुरक्षा व कानून-व्यवस्था का हवाला देकर मनौव्वल करते रहे, लेकिन वे नहीं मानीं।

सीएम नहीं मिले तो सड़क पर उतरीं आंगनबाड़ी कार्यक‌िर्त्रयां

परेड ग्राउंड में धरने पर बैठी आंगनबाड़ी कार्यक‌िर्त्रयों का सब्र शुक्रवार को जवाब दे गया। कई बार मांग करने के बावजूद मुख्यमंत्री उनसे मिलने धरनास्थल पर नहीं पहुंचे तो कार्यक‌िर्त्रयों का एक प्रतिनिधिमंडल सीएम आवास पहुंच गया। लेकिन, मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हो सकी। इससे नाराज हजारों आंगनबाड़ी कार्यक‌िर्त्रयां नारेबाजी करते हुए परेड ग्राउंड से सीएम आवास के लिए चल पड़ीं।

रास्ते में पुलिस ने रोका तो उनका पारा और चढ़ गया। नोकझोंक के बाद दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की होने लगी। इसमें दो आंगनबाड़ी कार्यक‌िर्त्रयां बेहोश भी हो गईं। परेड ग्राउंड में आंगनबाड़ी कार्यक‌िर्त्रयां 10 सूत्री मांगों को लेकर सात दिन से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी हैं। दोपहर करीब तीन बजे यहां से हजारों आंगनबाड़ी कार्यक‌िर्त्रयों ने जुलूस के रूप में नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री आवास के लिए कूच किया।

कार्यक‌िर्त्रयां कनक चौक, बहल चौक, राजपुर रोड, दिलाराम बजार होते हुए हाथीबड़कला चौक पहुंचीं। वहां पहले से तैनात पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इससे आंगनबाड़ी कार्यक‌िर्त्रयों का गुस्सा और बढ़ गया। पुलिस से उनकी काफी नोकझोंक हुई। इसके बाद आंगनबाड़ी कार्यक‌िर्त्रयों ने आगे जाने के लिए पुलिसकर्मियों से धक्कामुक्की शुरू कर दी। किसी तरह पुलिस ने कार्यकत्रियों को रोका।

इसके बाद कार्यकत्रियां चौक पर ही धरने पर बैठ गईं। एसएसपी, एसडीएम, एडीएम, एसपी सिटी आदि कार्यकत्रियों से मिलने पहुंचे, लेकिन उन्होंने अपना प्रदर्शन बरकरार रखा। देर शाम तक आंगनबाड़ी कार्यक‌िर्त्रयां सड़क पर ही धरने पर बैठी हुई थीं। इस कारण कनक चौक, बहल चौक, राजपुर रोड, दिलाराम बाजार से हाथीबड़कला तक जाम लगा रहा। इससे राहगीरों को काफी परेशानी हुई।

सीएम आवास में किया गया गुमराह आंगनबाड़ी संगठन की प्रदेश उपाध्यक्ष विमला कोहली ने बताया कि अध्यक्ष रेखा नेगी के नेतृत्व में सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल एक बजे से दो बजे तक मुख्यमंत्री आवास में रहा। इस दौरान मुख्यमंत्री के सलाहकार ने उन्हें केवल सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। उनकी मांगों पर कोई बात नहीं की गई। इससे पहले मुख्यमंत्री ने दो दिन में मांगों पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया था।

ऐसे चला घटनाक्रम 

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