CAA लागू होने के बाद आज पहली बार असम जाएंगे पीएम मोदी

नागरिकता संशधन कानून (CAA) और बोडो (Bodo Agreement) समझौते पर हस्ताक्षर के बाद आज पहली बार असम (Assam के दौरे पर जा रहे हैं। प्रधानमंत्री बोडो समझौते को लेकर कोकराझार (Kokrajhar) में होने वाले समारोह में शामिल होंगे साथ ही एक रैली को भी संबोधित करेंगे।। इस मौके पर असम के बोडो बहुल कोकराझार शहर में पीएम मोदी के स्वागत के लिए बड़ी तैयारियां की गई हैं।

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद पीएम मोदी का यह पहला असम दौरा है। इससे पहेल गुरुवार को कोकराझार के लोगों ने सड़कों और गलियों में 70 हजार मिट्टी के दीए जलाकर अपनी खुशी जाहिर की। इस दौरान ऑल बोडो स्टूडेंट यूनियन इस दौरान बाइक रैली भी निकाली।
असम पुलिस ने बताया कि ऐतिहासिक बोडो शांति समझौते का जश्न मनाने के लिए सांस्कृतिक मंडली की रिहर्सल को अंतिम रूप दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सैनिकों को तैनात किया गया है।

गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘मैं असम में दौरे को लेकर उत्सुक हूं। मैं एक जनसभा को संबोधित करने के लिए कोकराझार में रहूंगा। हम बोडो समझौते पर सफलतापूर्वक हस्ताक्षर किए जाने का जश्न मनाएंगे जिससे दशकों की समस्या का अंत होगा।’ उन्होंने कहा कि यह समझौता शांति और प्रगति के नये युग की शुरूआत का प्रतीक होगा।

बता दें कि सीएए विरोधी प्रदर्शनों के चलते ही प्रधानमंत्री मोदी और जापानी प्रधानमंत्री एबी शिंजो के बीच दिसंबर में गुवाहाटी में होने वाली शीर्ष बैठक रद कर दी गई थी। इसके अलावा हाल में संपन्न ‘खेलो इंडिया’ गेम्स के उद्घाटन के लिए भी प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित किया गया था, लेकिन वह उसमें शामिल नहीं हुए थे।

भारत सरकार, असम सरकार और प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन- नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के बीच एक शांति समझौता हुआ। इसके तहत प्रमुख उग्रवादी समूह नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के 1,500 से ज्यादा उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया था। असम में चार जिले में बोडो टेरिटोरियल एरिया डिस्ट्रिक्ट (BTAD) के तहत आते हैं। ये जिले हैं- कोकराझार, बक्सा, उदलगुड़ी, चिरांग। इन जनजातियों द्वारा लंबे समय से अलग राज्‍य- बोडोलैंड की मांग की जाती रही है। सबसे पहले यह मांग 1966-67 में उठाई गई थी।

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