कलर्स के ‘मंगल लक्ष्मी’ ने पूरे किए 500 एपिसोड : दीपिका सिंह -
1 win4r betpin up betpinuplucky jet crashparimatchlucky jet casinomosbet indialucky jet xpin up1win casino1 win azmosbet casino1winmostbet aviator login1 win aviatormostbet kz1win casinomostbet kzpin uplucky jet onlinemosbet casino1win aposta1win loginaviatormostbet casino kz4rabet bangladeshmosbet1 win casinoparimatchpin-up kzmosbet kzpin-upmosbetpin up casino onlinelackyjet1win aviator1 winpinupmostbetpinap4rabet bd1 вин авиатор1win kzpinup1win casino4rabetmostbet indiamostbetmostbet kz1win aviator

कलर्स के ‘मंगल लक्ष्मी’ ने पूरे किए 500 एपिसोड : दीपिका सिंह

बोलीं – “कई महिलाएं मुझसे कह चुकी हैं, ‘यह तो मेरी कहानी है’”

नई दिल्ली। एक ऐसे टेलीविजन जगत में जहां ग्लैमर से भरपूर ड्रामा और परफेक्ट दिखने वाले किरदारों का बोलबाला है, वहां कलर्स का शो ‘मंगल लक्ष्मी’ अपनी सच्चाई और यथार्थ को लेकर अलग पहचान बना चुका है। यह ज़िंदगी से जुड़ी कहानी भारत भर के दर्शकों के दिलों को गहराई से छू रही है और अब यह शो मना रहा है एक अहम पड़ाव — 500 एपिसोड्स का जज़्बे, संघर्ष और कड़वी सच्चाई से भरा सफर। इस कहानी के केंद्र में हैं मंगल, जिसे दीपिका सिंह ने बड़ी सादगी और ताकत के साथ जीवंत किया है। यह एक ऐसी महिला जो एक साथ कई जिम्मेदारियां संभालती है, शेरनी की तरह मां बनती है, और तब भी अडिग खड़ी रहती है जब पूरी दुनिया उसे झुकाना चाहती है।

ऑरमैक्स कैरेक्टर्स इंडिया लव्स (OCIL) की मई 2025 रिपोर्ट में मंगल का #7 स्थान पर आना यह दर्शाता है कि अब दर्शक उन किरदारों की ओर खिंचते हैं जो असली लगते हैं और जिनसे वे खुद को जोड़ पाते हैं। आज की ‘ग्लॉसी परफेक्शन’ वाली दुनिया में मंगल की सच्चाई और रोज़ की हिम्मत दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बना चुकी है। लेकिन जैसे ही उसे बाहर से यह सम्मान मिलने लगता है, उसकी अपनी दुनिया बिखरने लगती है। वह खुद को दोराहे पर खड़ी पाती है, जो सही व उचित को भी जटिल बना देता है।

जब मंगल की मां शांति को दिल का दौरा पड़ता है, तो वह कपिल से शादी के लिए हां कह देती है — यह प्यार के लिए नहीं, बल्कि अपनी मां के इलाज की मजबूरी के कारण किया गया समझौता होता है। पर जब लगने लगता है कि सब कुछ ठीक हो रहा है, तभी उसकी बेटी इशाना एक कड़वी सच्चाई को उजागर कर देती है। उसका मंगेतर कपिल इशाना पर हाथ उठा देता है — और उस एक क्रूर पल में सब कुछ बदल जाता है। मंगल की जो नई शुरुआत लग रही थी, वह अब संदेह से भरी है, उसकी सगाई एक अनिश्चित मोड़ पर आ जाती है। एक तलाक के बाद जिसने अपनी जिंदगी को फिर से धीरे-धीरे संजोया था, अब उसे खुद से यह सवाल पूछना पड़ रहा है — क्या एक महिला खुद से इतना प्यार कर सकती है कि वह उस ‘सुरक्षा’ से भी दूर चली जाए जिसे समाज सौभाग्य कहता है?

मंगल का किरदार निभा रहीं दीपिका सिंह कहती हैं, “मंगल लक्ष्मी के 500 एपिसोड्स पूरे होना मेरे लिए किसी आशीर्वाद से कम नहीं है। मंगल वह है जो ऐसे सवाल पूछती है जो लोगों को असहज कर देते हैं — एक ऐसी दुनिया में जहां कई अन्याय सामाजिक नियमों के नाम पर छुपे होते हैं, और हर फैसला ‘परिवार के भले’ के नाम पर लिया जाता है। महिलाएं ही क्यों हर बार बलिदान दें? इज्जत और बगावत का फैसला कौन करता है? कभी-कभी जवाब से ज्यादा सवाल मायने रखते हैं — क्योंकि वही वो चुप्पी तोड़ते हैं जिसमें हममें से कई को पाला गया है। मंगल दुनिया को नरमी से देखती है, चाहे लोग कुछ भी कहें, वह प्रेम से जवाब देती है। जब हम लेने के बजाय देने पर, और दूसरों को जज करने की बजाय उनकी मदद करने पर ध्यान देते हैं — तो जीवन का हर पल अधिक अर्थपूर्ण हो जाता है। और यही मंगल की असली जिंदगी है। किसी महिला को कभी सशक्तिकरण थाली में परोस कर नहीं दिया गया — मंगल भी इसका अपवाद नहीं है। वह वो नहीं है जो पृष्ठभूमि में खो जाए — वह फैसले लेने वाली, व्यवस्था को चुनौती देने वाली, एक गेम-चेंजर है। चाहे बड़ों से टकराव हो या बंद दरवाज़ों के पीछे खामोश विद्रोह — मंगल हर उस महिला की प्रतिनिधि है जिसे कहा गया कि ‘एडजस्ट करो, सहो, चुप रहो।’ और हर महिला जो इसे देखती है, वो जानती है कि वो दर्द कैसा होता है। मंगल यह भी याद दिलाती है कि महिलाओं के लिए आर्थिक स्वतंत्रता कितनी जरूरी है — क्योंकि स्वतंत्रता सिर्फ भावनात्मक नहीं, आर्थिक भी होती है। फर्क नहीं पड़ता कि आपका पिता क्या करता है, पति क्या करता है या आपके लिए कौन क्या कर रहा है — असली बात यह है कि आप अपने लिए क्या कर रही हैं। मंगल उसी आत्मनिर्भरता की प्रतीक है। वह सब कुछ नहीं जानती, लेकिन सीख रही है। उसकी यात्रा आज के ज़रूरी मुद्दों को छूती है — जैसे शादी, सम्मान और चुनाव का अधिकार। कई महिलाएं मुझसे आकर कह चुकी हैं, ‘ये तो मेरी कहानी है।’ और इस शो से मेरी यही उम्मीद है कि और महिलाएं भी अपनी किस्मत खुद लिखने की हिम्मत जुटा सकें — अपने नियमों पर।”

देखिए ‘मंगल लक्ष्मी’, हर सोमवार से शुक्रवार रात 9:00 बजे, सिर्फ कलर्स पर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *