अध्ययन में सामने आया है कि जो महिलाएं स्तनपान करवाती हैं उनमें ओवेरियन कैंसर का खतरा काफी कम रहता है। इसमें हाई-ग्रेड ट्यूमर भी शामिल है।
कई अध्ययनों में स्तनपान और ओवेररियन कैंसर के खतरे के बीच संबंध की बात सामने आई है। इनमें से कुछ रिसर्च में पता चला कि स्तनपान करवाने वाली महिलाओं में अंडाशय के कैंसर का खतरा कम होता है जबकि कुछ रिसर्च में इन दोनों के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया।
13 ओवेरियन कैंसर एसोसिएशन कंसोरटियम अध्ययनों के आंकड़ों का इस्तेमाल हुए शोधकर्ताओं ने स्तनपान और ओवेरियन कैंसर के खतरे के बीच संबंध की जांच की।
इस पूरी रिसर्च में लगभग 24,000 महिलाओं को शामिल किया गया जिनमें से 57.4 साल की उम्र की 9,973 महिलाएं ओवेरियन कैंसर से ग्रस्त थीं। वहीं 56.4 साल की 13,843 महिलाएं कंट्रोल ग्रुप में थीं।
स्तनपान का प्रसार कंट्रोल ग्रुप के बीच 41त्न से 93त्न तक था और स्तनपान के लिए औसत अवधि 3.4 से 8.7 महीने तक थी।
कंट्रोल ग्रुप की तुलना में ओवेरियन कैंसर से ग्रस्त महिलाओं की उम्र अधिक थी और इनमें से ज्यादा महिलाएं मेनोपॉज से गुजर चुकी थीं, इनका एक बच्चा था और इन महिलाओं ने कभी भी गर्भ निरोधक दवाओं का इस्तेमाल नहीं किया था और न ही एंडोमेट्रियोसिस या ओवेरियन कैंसर की हिस्ट्री रही थी।
शोधकर्ताओं ने जाना कि स्तनपान करवाने से 24 फीसदी ओवेरियन कैंसर और 28 प्रतिशत बॉर्डरलाइन ट्यूमर का खतरा कम हो जाता है। जिन महिलाओं ने अपने जीवन में कभी भी स्तनपान करवाया था उनमें ओवेरियन कैंसर खासतौर पर हाई ग्रेड एंडोमेट्रियल कैंसर का खतरा कम पाया गया।
जिन प्रतिभागियों ने एक से तीन महीने तक स्तनपान करवाया था उनमें 18 फीसदी और एक या इससे ज्यादा समय तक दूध पिलाने वाली महिलाओं में 34 फीसदी ओवेरियन कैंसर का खतरा कम था।
स्तनपान के फायदे
*मां के दूध से शिशु को संपूर्ण पोषण मिलता है।
*मां के दूध में एंटीबॉडीज भरपूर होते हैं जो कि शिशु को वायरस एवं बैक्टीरिया से बचाने में मदद करते हैं।
*स्तनपान करवाने से शिशु में कान में संक्रमण, श्वसन मार्ग में इंफेक्शन, जुकाम और इंफेक्शन, पेट में इंफेक्शन और सडन इंफैंट डेथ सिंड्रोम से बचाता है।
*कुछ अध्ययनों में सामने आया है कि मां का दूध पीने वाले बच्चों के मस्तिष्क का विकास फॉर्मूला दूध पीने वाले बच्चों की तुलना में बेहतर होता है।
इसके अलावा स्तनपान करवाने से मां और शिशु को और भी कई तरह के लाभ होते हैं जिनमें से ओवेरियन कैंसर से बचाव भी शामिल है।
हम सभी जानते हैं कि स्तनपान से मां और शिशु की सेहत को कई तरह के लाभ मिलते हैं। शिशु को दूध पिलाने से मां को सबसे बड़ा यह फायदा होता है कि उनमें ओवेरियन कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
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