संयुक्त राष्ट्र। सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने पिछले साल भारत में संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद रोधी समिति की एक विशेष बैठक में अपनाये गए Delhi घोषणापत्र के महत्व की सराहना की है। सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने कहा कि यह नयी एवं उभरती प्रौद्योगिकियों का आतंकवादी उद्देश्य के लिए प्रयोग किए जाने से निपटने के वास्ते ठोस आधार प्रदान करता है।
सदस्यों ने साथ ही यह भी कहा कि यह चुनौती का समाधान करने के लिए परिषद के साझा दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। फरवरी महीने के लिए अध्यक्ष माल्टा के नेतृत्व में 15 देशों की परिषद ने बृहस्पतिवार को ‘आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरे पर एक बैठक आयोजित की।
इस दौरान अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए आईएसआईएल (दाएश) से अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को उत्पन्न खतरे तथा खतरे का मुकाबला करने में सदस्य देशों के समर्थन से संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों पर महासचिव की 16 वीं रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद रोधी कार्यालय के अवर महासचिव व्लादिमीर वोरोन्कोव द्वारा प्रस्तुत की गई।
पिछले साल 28-29 अक्तूबर को भारत की अध्यक्षता में सुरक्षा परिषद की आतंकवाद-रोधी समिति (सीटीसी) ने नयी दिल्ली और मुंबई में ‘आतंकवादी उद्देश्यों के लिए नयी और उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग का मुकाबला विषय पर एक विशेष बैठक आयोजित की।
विशेष बैठक के परिणामस्वरूप, समिति ने आतंकवादी उद्देश्यों के लिए नयी और उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग का मुकाबला करने के लिए अग्रणी दस्तावेज़ दिल्ली घोषणा को अपनाया।
माल्टा की संयुक्त राष्ट्र दूत और फरवरी के लिए परिषद की अध्यक्ष वैनेसा फ्रैजियर ने बृहस्पतिवार को परिषद की बैठक में कहा कि उन्हें पिछले साल भारत में आतंकवाद-रोधी समिति की विशेष बैठक में भाग लेकर खुशी हुई।
उन्होंने दिल्ली घोषणापत्र को अपनाये जाने का स्वागत किया, जो परिषद की इस चुनौती से निपटने के लिए दृढ़ संकल्प की साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है।