नईदिल्ली । दिग्गज भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि 2011 विश्व कप के फाइनल में उन्होंने ने ही तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को एक स्थान ऊपर पांचवें नंबर पर आकर बल्लेबाजी करने के लिए कहा था ताकि गौतम गंभीर के साथ लेफ्ट-राइट का कॉम्बिनेशन कारगर हो सके। 2011 के विश्व कप फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ पांचवें नंबर पर बल्लेबाज के लिए शानदार फॉर्म में चल रहे युवराज सिंह को उतरना था। लेकिन सचिन को लगा कि श्रीलंका के पास दो शानदार चलीटी के स्पिनर हैं और उनके खिलाफ रन बनाने के लिए लेफ्ट राइट संयोजन का होना जरूरी है, इसलिए युवराज की जगह धोनी को ऊपर भेजने का फैसला किया गया।
सचिन ने कहा, गौतम शानदार बल्लेबाजी कर रहे थो। उनके साथ धोनी जैसा बल्लेबाज ही लगातार स्ट्राइक बदल सकता था।
उन्होंने कहा, तभी मैंने वीरू (वीरेंद्र सहवाग) से संदेशा भिजवाया। मैंने वीरू से कहा कि तुम ओवर के बीच में जाकर सिर्फ ये बात बाहर जाकर धोनी को बोल देना और अगला ओवर शुरू होने से पहले वापस आ जाना। मैं यहां से नहीं हिलने वाला।
दिग्गज सचिन ने कहा, जैसा मैंने कहा था, वीरू ने वैसा ही किया। इसके बाद धोनी ड्रेसिंग रूम में लौट गए। यहां उन्होंने कोच गैरी कस्र्टन से इस रणनीति पर बात की। हमारे (सचिन-वीरू) आउट होने के बाद गैरी और धोनी समेत हम चारों ने मिलकर इस पर चर्चा की। गैरी को अटैकिंग के लिए लेफ्ट-राइट की रणनीति बेहतरीन लगी। धोनी भी इस पर राजी भी हो गए और पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए।
धोनी के पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आना भारत के लिए सही रहा। उन्होंने नाबाद 91 रन की पारी खेलकर भारत को विश्व कप जिताने में अहम योगदान दिया।
इसमें गंभीर का भी अहम योगदान रहा और उन्होंने भी 97 रनों की मैच जिताउ पारी खेली थी। श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए छह विकेट पर 274 रन का स्कोर बनाया था, जिसे भारत ने चार विकेट खोकर हासिल कर लिया था।