नईदिल्ली। भारतीय रेलवे ने अपने सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं रेलकर्मियों को मिलने वाली सुविधा टिकट की व्यवस्था को डिजिटल बना दिया है।
अब इसे हासिल करने में आने वाली दिक्कतें दूर होंगी और पास का दुरुपयोग भी खत्म हो सकेगा।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने रेल अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा टिकट बुकिंग के लिए ई-पास मॉड्यूल और ऑनलाइन पास जेनरेशन की व्यवस्था जारी की है। इसके तहत अब रेलवे अधिकारी और कर्मचारी अब ई-पास और सुविधा टिकट आदेश (पीटीओ) के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे और इसे ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे।
रेलवे के सूत्रों के अनुसार पहले कर्मचारियों को रेल पास प्राप्त करने के लिए विभागीय अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ते थे। कागजी दस्तावेज होने की वजह से रेल पास के दुरुपयोग की संभावना बनी रहती थी। एक पास का कई बार इस्तेमाल किया जाता रहा है , लेकिन अब पूरा डाटा ऑनलाइन रहेगा और इलेक्ट्रानिक चेकिंग की नयी व्यवस्था से एक पास का दोबारा इस्तेमाल नहीं हो सकेगा।
इससे पहले रेल कर्मचारियों को कार्मिक विभाग के पास प्रकोष्ठ से जारी कागज वाले पास के सहारे टिकट लेना पड़ता था, लेकिन ई-पास की सुविधा लागू होने से पूरी व्यवस्था कागज रहित हो गई है। सूत्रों के अनुसार अब रेल अधिकारी एवं कर्मचारी भी आम लोगों की तरह अपने कंप्यूटर या मोबाइल फोन पर टिकट की बुकिंग करा सकेंगे। उन्हें अब सिर्फ मोबाइल पर आए कोड को सहेज कर रखना होगा। यही कोड रिजर्वेशन कराते समय फॉर्म में भरना होगा।
कर्मचारियों को पास लेकर टिकट काउंटर पर जाने और यात्रा के दौरान इसे संभालकर रखने की जरूरत नहीं होगी। इस प्रणाली में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को ई-पास से जुड़ी तमाम जानकारी एक सेकेंड से कम समय में मिल जाएगी। इससे पारदर्शिता भी आएगी। रेलवे में राजपत्रित अधिकारियों को एक साल में छह और सेवानिवृत्त होने पर तीन रेल पास मिलते हैं।
इस पास के जरिए वह एवं उनके आश्रित मुफ्त रेल यात्रा करते हैं। गैर राजपत्रित कर्मचारियों को साल में तीन जबकि सेवानिवृत्त होने पर दो पास दिए जाते हैं। रेलकर्मियों को चार पीटीओ यानि प्रिविलेज टिकट ऑर्डर भी मिलता है। पीटीओ से सफर करने के लिए उन्हें एक तिहाई किराया देना पड़ता है।