आज हुई घोषणाओं और उत्पाद लाचिंग को देखकर आप आश्वस्त हो गये होंगे कि रक्षा क्षेत्र में हमारी नीतियां अब परिणाम देने लगी हैं। उन्होंने कहा ‘‘ पहले लोग कहते थे कि भारत की रक्षा नीतियां ऐसी हैं कि उनके परिणाम सामने नहीं आ रहे हैं लेकिन अब रक्षा क्षेत्र की नीतियों ने परिणाम देना शुरू कर दिया है। हमारी सरकार ने इस दिशा में कई बार नीतियों में सुधार किये हैं। सिंह ने कहा कि 2018-19 में रक्षा क्षेत्र की कंपनियों का उत्पादन 80 हजार करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इसमें निजी क्षेत्र का योगदान 60 हजार करोड़ रुपये का है। रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र और आयुध फैक्ट्री बोर्ड की उत्पादन गतिविधियों का लगभग 40 प्रतिशत आउटसोर्स हो रहा है। यह रक्षा उत्पादन में निजी क्षेत्र की अहमियत को दर्शाता है। उन्होंने कहा ‘‘ भारत का रक्षा निर्यात वर्ष 2018-19 में 10745 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो 2016-17 में हुए निर्यात के सात गुने से भी ज्यादा है। इस डिफेंस एक्सÞपो की अप्रत्याशित कामयाबी को देखकर हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि वर्ष 2024 तक पांच अरब डॉलर के रक्षा निर्यात के लक्ष्य को हम जरूर हासिल कर लेंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि आज इस समारोह में 71 एमओयू किये गये, 13 प्रोडक्ट लांच हुए, छह प्रमुख घोषणाएं हुई और 18 नये तकनीक अंतरण समझौतों पर दस्तखत हुए हैं। यानी 100 से ज्यादा करार हुए हैं। यह परस्पर विश्वास के बंधन हैं। जो भी पक्ष एमओयू में शामिल हैं, वे बंधन के विश्वास को किसी भी सूरत में टूटने नहीं देंगे। इस एक्सपो के दौरान अभी तक 200 से ज्यादा समझौते हुए हैं। उन्होंने कहा कि यहां तकनीक हस्तांतरण के जो 18 समझौते हुए हैं, वे निजी क्षेत्र को उत्पादन के लिये स्वदेशीकरण के साथ-साथ वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्द्धा में बने रहने में भी निश्चित रूप से मदद करेंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर कहा कि डिफेंस एक्सपो-2020 का आयोजन करके उत्तर प्रदेश ने साझीदार के तौर पर सहभागी बनकर अपने यहां व्याप्त सम्भावनाओं को भी दुनिया के सामने रखने का प्रयास किया है। आज यूपीडा के माध्यम से यहां 23 एमओयू हुए हैं। इनके तहत 50 हजार करोड़ के निवेश के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर हुए हैं। इससे ढाई से तीन लाख नौजवानों को रोजगार भी मिलेगा। योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश में निवेश के लिये बहुत अच्छा गंतव्य बना है और सूबे में मौजूद सम्भावनाओं को अगर हम प्रदेश और देश के हित में आगे बढ़ाने का काम करते हैं तो यह बड़ी सेवा होगी। रक्षा सचिव अजय कुमार ने इस मौके पर कहा कि इस डिफेंस एक्सपो में 100 एमओयू और व्याापारिक समझौते करने का लक्ष्य तय किया गया था मगर अब कुल मिलाकर 200 एमओयू किये जा चुके हैं। डीआरडीओ चेयरमैन जे सतीश रेड्डी ने इस मौके पर कहा कि हम नॉलेज पार्टनर के तौर पर डिफेंस कॉरीडोर के लिये एमओयू कर रहे हैं। एक बार कॉरीडोर बनने के बाद हम एक अनुसंधान एवं विकास केन्द्र बनाएंगे ताकि कॉरीडोर से जुड़े उद्योगों की मदद हो सके।