नयी दिल्ली। लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र में चीन की सेना के साथ जारी गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत शांतिपूर्ण तरीके से सीमा मुद्दे के हल के लिए प्रतिबद्ध है और हमने राजनयिक एवं कूटनीतिक माध्यम से पड़ोसी देश को बता दिया है कि यथास्थिति में एकतरफा ढंग से बदलाव का कोई भी प्रयास अस्वीकार्य होगा।
राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर राज्यसभा में दिये अपने बयान में कहा ‘चीन की गतिविधियों से पूरी तरह से स्पष्ट है कि उसकी ‘कथनी और करनीमें अंतर है।
क्योंकि जब बातचीत चल रही थी तब उसने यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया जिसे हमारे सैन्य बलों ने विफल कर दिया।’ सिंह ने कहा कि मौजूदा स्थिति के अनुसार चीनी सेना ने एलएसी के अंदर बड़ी संख्या में जवानों और हथियारों को तैनात किया है और क्षेत्र में दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव के अनेक बिंदु हैं।
उन्होंने कहा, ‘हमारी सेना ने भी जवाबी तैनातियां की हैं ताकि देश के सुरक्षा हितों का पूरी तरह ध्यान रखा जाए। हमारे सशस्त्र बल इस चुनौती का डटकर सामना करेंगे। हमें अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है।’
सिंह ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान करना और उसका कड़ाई से पालन किया जाना, सीमा क्षेत्रों में शांति और सद्भाव का आधार है और इसे 1993 एवं 1996 के समझौतों में स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे सशस्त्र बल इसका पूरी तरह पालन करते हैं, लेकिन चीनी पक्ष की ओर से ऐसा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘ 1993 और 1996 के समझौते में इस बात का जिक्र है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास दोनों देश अपनी अपनी सेनाओं के सैनिकों की संख्या कम से कम रखेंगे।
समझौते में यह भी शामिल है कि जब तक सीमा मुद्दे का पूर्ण समाधान नहीं हो जाता है, तब तक वास्तविक नियंत्रण रेखा का सख्ती से सम्मान किया जाएगा।