बिना फास्टैग के वाहनों का रजिस्ट्रेशन, फिटनेस सर्टिफिकेट , थर्ड पार्टी बीमा नही हो पायेगा।

बिना फास्टैग के वाहनों का रजिस्ट्रेशन, फिटनेस सर्टिफिकेट , थर्ड पार्टी बीमा नही हो पायेगा।

बिना फास्टैग के वाहनों का रजिस्ट्रेशन, फिटनेस सर्टिफिकेट , थर्ड पार्टी बीमा नही हो पायेगा।

नई दिल्ली निजी व व्यावसायिक वाहानों के आरसी, बीमा, फिटनेस, परिमट, जैसे जरूरी दस्तावेजों की सूची में जल्द ही फास्टैग शामिल होने जा रहा है। पुराने वाहनों के दस्तावेजों का नवीनीकरण बगैर फास्टैग के नहीं हो सकेगा। यह योजना आगामी एक अप्रैल से लागू होने की संभावना है। सरकार ने नए वाहनों के लिए इसे पहले ही अनिवार्य बना दिया है। 15 फरवरी से देशभर के सभी 770 टोल प्लाजा पर बिना फास्टैग वाहनों से दोगुने टैक्स की वसूली शुरू हो गई है। इस व्यवस्था में दो पहिया वाहनों को छूट है।

सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि देशभर में 770 से अधिक टोल प्लाजा इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम (ईटीसी) तकनीक से लैस कर दिए हैं।

इससे वाहन की विडं स्क्रीन पर लगा फास्टैग आरएफआईडी की मदद से टैक्स का ऑनलाइन भुगतान की सुविधा उपलब्ध है। सरकार ने 15 फरवरी तक सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग अनिवार्य कर दिया है।

नियम एक अप्रैल 2021 से लागू करने की योजना

नए वाहनों का फास्टैग के बिना पंजीकरण नहीं होगा। सरकार ने अब पुराने वाहनों को भी इसके दायरे में लाने की कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत बिना फास्टैग वाले पुराने वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा। उनका थर्ड पार्टी बीमा भी नहीं हो सकेगा। इसके लिए फार्म 51 में (बीमा प्रणाम पत्र) बदलाव किए जा रहे हैं।इसी प्रकार पुराने वाहन के पंजीकरण प्रमाण पत्र के नवीनीकरण के लिए फास्टैग जरूरी होगा। यह नियम एक अप्रैल 2021 से लागू करने की योजना है। सड़क परिवहन मंत्रालय ने हितधारकों से सुझाव-आपत्ति के लिए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन पिछले महीने जारी कर दिया है। इस बाब मार्च में अधिसूचना जारी होने की संभावना है।

प्रत्येक वाहन को एक यूनिक आईडी नंबर का फास्टैग

सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रायल ने वाहन पोर्टल में सभी वाहनों की जानकारी फीड कर दी है। प्रत्येक वाहन को एक यूनिक आईडी नंबर का फास्टैग दिया जाएगा। इसमें वाहन के पंजीकरण प्रमाण पत्र से लेकर दूसरी जानकारियां फीड होंगी। दस्तावेज नवीनीकरण के दौरान वाहन पोर्टल पर फास्टैग फीड करने पर वाहन संबंधी जानकारी आ जाएगी। तभी वाहनों से जुड़े दस्तावेजों का कार्य पूरा करना संभव होगा। इससे वाहन चालक फास्टैग को लेकर फर्जीवाड़ा नहीं कर पाएंगे। फास्टैग से चोरी के वाहनों की निगरारी संभव होगी वहीं दूसरे राज्यों में खरीद फरोख्त करना आसान नहीं होगा।

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