हरिद्वार। कांवड़ मेले की शुरुआत के पहले दिन प्रशासन का दावा है कि चार लाख कांवड़ियों ने शाम तक गंगाजल भरा और अपने गंतव्यों की ओर रवाना हुए। शुक्रवार से पंचक लग जाएंगे, जिस कारण माना जा रहा है कि 20 जुलाई के बाद कांवड़ियों का रैला हरिद्वार पहुंचेगा।
शास्त्रों के अनुसार पंचक लगने पर कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। यात्रा में पंचक लग जाने से कांवड़िये पांच दिनों तक कांवड़ कम उठाते हैं, क्योंकि कहा जाता है कि पंचक के दौरान बांस से बने सामान की खरीदारी और उसका स्पर्श वर्जित होता है। लेकिन पिछले कुछ सालों से पंचक के दौरान भी काफी कांवड़िए हरिद्वार पहुंचते हैं। ज्योतिषाचार्याें के अनुसार 5 नक्षत्र ऐसे होते हैं जिनमें कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इसलिए जब किसी व्यक्ति की मृत्यु पंचक काल में हो जाती है और जिस लकड़ी का प्रयोग चिता बनाने में होता है उसको आप एक बार खरीदोगे तो आपको पांच बार खरीदनी पड़ेगी। शुक्रवार से शुरू होने वाले पंचक बुधवार को समाप्त होंगे। कांवड़ मेला सेल के प्रभारी बीएल भारती का कहना है कि पहले दिन चार लाख कांवड़िए हरिद्वार पहुंचे।