धोखा खा गए दुनियाभर के वैज्ञानिक
लंदन । अंतरिक्ष में लगातार निगरानी करने वाले दुनियाभर के वैज्ञानिक उस समय गच्चा खा गए जब वैन के आकार का एक खतरनाक ऐस्टरॉइड 2020 जेजे पृथ्वी के बेहद पास से बुधवार को गुजर गया। यह ऐस्टरॉइड पृथ्वी के 9 हजार मील के दायरे में आ गया था। बताया जा रहा है कि यह अब तक पृथ्वी के सबसे करीब से गुजरने वाले ऐस्टरॉइड में से एक था। इस ऐस्टरॉइड के बारे में आनन-फानन में सूचना मिलने के बाद हडक़ंप मच गया।
वैज्ञानिकों के मुताबिक यह ऐस्टरॉइड 8,310 मील की दूरी से निकल गया जो चंद्रमा की कुल दूरी का करीब 3 प्रतिशत है। बताया जा रहा है कि अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहे इस ऐस्टरॉइड का नाम 2020 जेजे है और यह अपने छोटे आकार की वजह से टेलिस्कोप की पकड़ में नहीं आया। हालांकि जब यह सीधे पृथ्वी के ऊपर आया तब वैज्ञानिकों को इसके बारे में पता चला।
डेली मेल की खबर के मुताबिक वैज्ञानिकों के धोखा खाने की वजह इसका आकार था। अंतरिक्ष विज्ञान लेखिका डॉक्टर नटाली स्टार्की ने कहा, हम बड़े आकार के ऐस्टरॉइड का पता लगाने में बहुत सक्षम हैं जो कम से कम एक किमी या उससे बड़े हैं। लेकिन अंतरिक्ष में बहुत सी ऐसी चट्टाने हैं जो चक्कर लगा रही हैं। ऐसी चट्टानों के बारे में पता लगाना बहुत ही मुश्किल है।
डॉक्टर स्टार्की ने कहा, ऐस्टरॉइड काफी डार्क होते हैं और अंतरिक्ष में प्रकाश को परावर्तित नहीं करते हैं। इस वजह से उन्हें पृथ्वी से देखना काफी मुश्किल है। ऐस्टरॉइड 2020 जेजे ऐसा छठां ऐस्टरॉइड है जो पृथ्वी के बेहद पास से गुजरा है। पिछले दिनों ऐस्टरॉइड 1998 ओआर2 पृथ्वी के करीब 63 लाख किमी की दूरी से 19,000 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से निकल गया था।