जालंधर । पंजाब खेल विभाग द्वारा स्थापित पंजाब इंस्टिट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (पीआईएस) में वित्तीय घोटालों का तो हर दिन खुलासा हो रहा है, लेकिन पीआईएस अब एक साजिश के तहत खेल विभाग को कैसे कमजोर कर रही है का नया मामला सामने आया है।
पंजाब इंस्टिट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (पीआईएस) की साजिश का खुलासा करते हुए चर्चित स्पोर्ट्स व्हिसलब्लोअर और पूर्व एडीसी लुधियाना इकबाल सिंह संधू ने कहा कि असल में ओलंपियन से राजनेता बने पूर्व मंत्री परगट सिंह और वित्तीय घोटालों के दोषी पाए गए सुखवीर सिंह ग्रेवाल, जो खेल माफिया सरगना तौर पर चर्चित हैं, को चन्नी सरकार के 111 दिनों के शासन दौरान निदेशक (प्रशिक्षण) पीआईएस, पंजाब के रूप में फिर से नियुक्त किया गया।
उन्होने कहा कि खेल संस्थान (पीआईएस) की स्थापना करना वास्तव में उन दोनों के दिमाग की उपज थी, इसलिए पंजाब खेल विभाग, जो खेल के क्षेत्र में हमेशा सबसे आगे रहा, अब मीठा जहर देकर लाचार और कमजोर बनाया जा रहा । पीआईएस के निदेशक (प्रशिक्षण) सुखवीर सिंह ग्रेवाल द्वारा पीआईएस के खिलाडिय़ों के लिए चयन ट्रायल, पंजाब खेल विभाग से पहले आयोजित करने की एक गुप्त योजना का हिस्सा हैं।
संधू ने बताया कि पंजाब खेल विभाग द्वारा पंजाब खेल संस्थान (पीआईएस) से खिलाडिय़ों के चयन के लिए चयन ट्रायल आयोजित किए बिना अपनी खेल शाखाएं और केंद्र चला रहा है। ट्रायल की तारीखों की घोषणा कर दी गई है।
उन्होने कहा कि पंजाब खेल विभाग के कोचों ने नाम न छापने की शर्त पर इस साजिश पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि असलियत में पंजाब खेल संस्थान (पीआईएस) द्वारा चलाए जा आपने केंद्रों / विंगों / अकादमियोंक के चयन ट्रायल एक साजिश के तहत पंजाब खेल विभाग द्वारा चलाए जा रहे खेल विंग और केंद्रों का एक मात्र लक्ष्य पहले ही पूरे पंजाब के सर्वश्रेष्ठ खिलाडिय़ों का चयन कर लिया जाए तथा बचे खुचे खिलाडिय़ों को पंजाब खेल विभाग सौंपा जाए, जिनका ट्रायल बाद में हो।
संधू ने कहा कि वास्तव में पीआईएस की इस चाल के तहत पंजाब भर के खेल विभाग के बाकी केंद्रों के कोचों द्वारा तैयार किए सभी अच्छे खिलाडिय़ों को पीआईएस अपने पास ले जाता है, जहां उनके कोचों को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है क्योंकि उन्हें सबसे अच्छे खिलाड़ी मिलते हैं जबकि सबसे खराब खिलाड़ी साल के अंत में खेल विभाग के कोचों मिलते हैं। साल के अंत में बेस्ट परफार्मेंस केवल पीआईएस की आंकी जाती है।
इकबाल सिंह संधू ने पंजाब के मुख्यमंत्री, खेल मंत्री, सचिव (खेल) और निदेशक (खेल) से मांग की है कि पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (पीआईएस) द्वारा चयन ट्रायल पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और पंजाब खेल विभाग के विंग / केंद्रों ट्रायल होने के बाद ही पीआईएस में आयोजित किए जाए तथा पीआईएस के निदेशक (प्रशिक्षण) सुखवीर सिंह ग्रेवाल रची गई इस साजिश को नाकाम किया जाना चाहिए।