ऋषिकेश। अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में 73 देशों से आये योग जिज्ञासुओं ने विश्व विख्यात सूफी गायक कैलाश खेर और कैलासा बैंड के सूफी संगीत का आनन्द लिया। कैलाश खेर की आवाज के जादू पर जमकर नाचे योगी। परमार्थ निकेतन में प्रख्यात सूफी और बालीवुड गायक कैलाश खेर अपने बैंड कैलासा के साथ पधारे। परमार्थ निकेतन के ऋषिकुमारों ने वेद मंत्रों और शंख ध्वनि के साथ उनका दिव्य स्वागत किया। परमार्थ निकेतन में आज की शाम सूफी संगीत के नाम रही। कैलाश खेर की मखमली आवाज पर जमकर योगियों ने नृत्य किया। उनके मधुर भजन और सूफी गायकी ने सब का मन मोह लिया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, साध्वी भगवती सरस्वती जी, एक नई सोच के लेखक, अगापे इंटरनेशनल स्प्रिरिचुअल संेटर के संस्थापक रेवरेन्ड माइकल बेकविथ और न्यू थॉट संगीतकार रिकी बायरस बेकविथ, अमेरिकी जीव वैज्ञानिक डॉ ब्रूस लिप्टन, आर्गेनिक इण्डिया के प्रमुख भारत मित्रा, योगाचार्यो और योग जिज्ञासुओं ने भी कैलासा बैंड की जोरदार प्रस्तुति का आनन्द लिया।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि अपने भीतर प्रवेश करना और स्व के साथ संबंध स्थापित करना ही योग है। हमारे भीतर विचारों का एक हिमालय है उससे पार जाने पर ही शान्ति का मार्ग प्राप्त हो सकता है। जब तक हम पूर्ण रूप से स्व से नहीं जुड़ जाते तब तक परमात्मा और प्रकृति से नहीं जुड़ सकते। ’योग, केवल एक अभ्यास ही नहीं बल्कि जीवन जीने का विज्ञान है। उन्हांेनेेे कहा कि जीवन एक यात्रा है और यह यात्रा सतत चलती रहती है बाहर भी चलती है और भीतर भी। इस यात्रा मंे सब को कुछ न कुछ की तलाश रहती है। जो मैं देखता हूँ और अनुभव करता हूँ वह यह कि सभी को एक सार्वभौमिक तलाश है वह है शान्ति की तलाश। शान्ति का समावेश जीवन में तभी होता है जब जीवन में एकता होती है, सद्भाव और समरसता होती है। एकत्व और सद्भाव आता है योग के माध्यम से। साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि अपने भीतर के आनन्द को खोजे तथा अपनी खुशियों के लिये किसी पर निर्भर न रहे। स्वयं के साथ रहना, अधिक से अधिक ईश्वर की समीपता का अनुभव करना तथा हमें जिसमें खुशी मिलती है उसे पूरी तन्मयता से करना ही तो योग है। हर प्राणी अकेले जन्म लेता है और अकेले ही मृत्यु को प्राप्त होेता है इसलिये ईश्वर ने हर प्राणी के अन्दर उसकी खुशी का खजाना रखा हुआ है। वह चाहे तो स्वयं के साथ रहकर अपार आनन्द का अनुभव कर सकता है। अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में आज योग और ध्यान के विशेष अभ्यास सत्र में प्रातःकाल कैटी बी हैप्पी द्वारा विन्यास योग, गंगा नन्दिनी द्वारा योगा फॉर आलरू सुक्ष्म व्यायाम, योगाचार्य इंदु शर्मा द्वारा पारम्परिक हठयोग, योगाचार्य संदीप देसाई द्वारा अष्टांग योग, चीन से आये भारतीय मूल के योगाचार्य श्री मोहन भण्डारी द्वारा फ्लो ऑफ योगी-सुधार और विस्तार, अमेरिकी योगाचार्य एवं संगीतज्ञ आनन्द्रा जार्ज द्वारा सूर्य उदय नाद योग साधना, योगाचार्य बेथ शॉ द्वारा योग के माध्यम से आघात चिकित्सा, योगाचार्य एचएस अरूण द्वारा ताड़ासन द्वारा सभी आसनों का नेतृत्व, योगाचार्य कीया मिलर द्वारा कुण्डलिनी जागरण, योगाचार्य आनन्द मेहरोत्रा द्वारा कुण्डलिनी के प्रवाह तक पहुंचना, लंदन से आये योगाचार्य स्टीवर्ट गिलक्रिस्ट द्वारा आधुनिक संदर्भ में राग, अस्थि रोग और चीनी चिकित्सा विशेषज्ञ जोसेफ श्मिडलिन द्वारा द हार्मोनिक स्पाइन, प्रख्यात नृत्यावली ग्रुप के भरत बारिया, अक्षय पटेल, मीनाक्षी पटेल, रविता बारिया और यश बारिया द्वारा भारतीय क्लासिकल नृत्य, डॉ स्मिता नरम द्वारा 100 वर्षो तक आप पूरी ऊर्जा के साथ कैसे रह सकते है, माँ ज्ञान सुवेरा द्वारा हीलिंग-4, योगाचार्य जोना फासो द्वारा द जॉय आफ सरगम, चिकित्सा निदेशक, कार्डियोलॉजिस्ट डॉ एलेजांड्रो जंगर, द्वारा विषहरण क्यो महत्वपूर्ण, डॉ ईडेन गोल्डमैन द्वारा, चिकित्सा विन्यास, रोहीनी मनोहर द्वारा यिन योग, एंड्रयू हेविट द्वारा योग ऑफ बिजनेस, योगाचार्य सीना शर्मन द्वारा राग योग, योगाचार्य टोमी रोजेन द्वारा अपने द्वारा दूसरे व्यक्ति की पहचान करना, योगाचार्य सत्या हिंदुजा द्वारा वातावरण की रसायन विद्या और अन्य कक्षाओं का आयोजन किया गया। आज के आध्यात्मिक सत्र में कल्याण की सीमायें विषय पर चिकित्सा निदेशक, आस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट डॉ एलेजांड्रो जंगर, फंक्शनल फोरम के निर्माता जेम्स मास्केल, मुम्बई से आयी प्रसिद्ध नाड़ी विशेषज्ञ डॉ स्मिता नरम, आर्गेनिक इण्डिया एवं अपलिफ्ट के संस्थापक भारत मित्रा ने सहभाग किय अपने विचार व्यक्त किये।’’ सांयकालीन संगीत कलामंच में कीर्तनियों द्वारा मंत्र उच्चारण और ’हार्ट ओपन’ कीर्तन और इजरायल से आये विख्यात संगीतज्ञ गिल रान शामा द्वारा हिब्रु और हिन्दी भाषा में विशेष प्रस्तुति। गुजरात से आये प्रख्यात नृत्यावली ग्रुप के भरत बारिया, अक्षय पटेल, मीनाक्षी पटेल, रविता बारिया और यश बारिया द्वारा भारतीय क्लासिकल नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति।