वॉशिंगटन । जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, रविवार को दुनिया में कोरोनोवायरस से हुई सबसे अधिक मौतों के मामले में संयुक्त राष्ट्र ने इटली को भी पीछे छोड़ दिया है। अब दुनिया में सबसे ज्यादा 20,604 मौतों के साथ अमेरिका पहले स्थान पर पहुंच गया है।
विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, रविवार की सुबह तक इटली से 19,648 कोरोनोवायरस मौतों की सूचना मिली है। इस तरह यह मौतों की संख्या के मामले में यह दुनिया में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है।
अमेरिका में कोरोना पॉजिटिव रोगियों की संख्या 529,887 है, जो कि दुनिया में सबसे ज्यादा है। स्पेन 163,027 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर और इसके बाद इटली 152,271 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर है।
अमेरिका में सबसे अधिक मौतें महामारी के केन्द्र बने न्यूयॉर्क में हुई हैं। सीएसएसई डेटा के मुताबिक यहां 8,627 मौतें हो चुकी हैं, इसके बाद क्रमश: न्यूजर्सी और मिशिगन में 2,183 और 1,276 मौतें हुई हैं।
देश में कुल 32,001 मरीज ठीक हुए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन ने पहले अनुमान लगाया था कि यह महामारी अमेरिका में 100,000 से 240,000 लोगों की मौत का कारण बनेगी। एफे समाचार की रिपोर्ट के मुताबिक अब उसने इस सप्ताह इसे बदलकर 60,000 कर दिया है ।
व्हाइट हाउस कोरोनोवायरस टास्क के सदस्य इस आशावादी अनुमान के पीछे उन आदेशों को श्रेय देते हैं, जिसके तहत 50 में से 42 राज्यों में लोगों को घर पर रहने के लिए कहा गया। इसमें प्यूटरे रिको और कोलंबिया जिले के लगभग 316 मिलियन लोगों भी शामिल हैं।
ट्रम्प ने पिछले महीने के अंत में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ईस्टर रविवार तक देश को फिर से खोला जा सकेगा।
टास्क फोर्स द्वारा की गई शुक्रवार की ब्रीफिंग के दौरान, ट्रम्प ने अमेरिकियों को आश्वस्त करने की कोशिश की कि वह चिकित्सा विशेषज्ञों का मार्गदर्शन ले रहे हैं। साथ-साथ ओपनिंग अवर कंट्री काउंसिल की सिफारिशों को भी अगले सप्ताह से लागू करने की योजना बनाई है।
राष्ट्रपति ने कहा, मैं इसे जल्द से जल्द खोलना चाहता हूं।
ट्रम्प ने कहा, मैं एक निर्णय लेने जा रहा हूं और मैं ईश्वर से उम्मीद करता हूं कि यह सही निर्णय होगा। लेकिन मैं कहूंगा, कि यह अब तक का मेरा सबसे बड़ा निर्णय होगा।
रविवार तक दुनिया में कोरोनावायरस मामलों की संख्या 1,777,517 थी, जिसमें 108,862 लोगों की मौतें हुईं और 404,236 लोग ठीक हुए।
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