सदन की कार्यवाही दो बजे शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आवश्यक कागजात सभा पटल पर रखवाये। हंगामे के बीच ही गर्भ का चिकित्सकीय समापन संशोधन विधेयक 2020 और खनिज विधि संशोधन विधेयक 2020 पेश किये गए। इस दौरान कांग्रेस एवं द्रमुक सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग करते हुए नारे लगाने लगे। कांग्रेस सदस्यों के हाथों में पोस्टर थे जिन पर ‘गृह मंत्री इस्तीफा दो’, ‘सेव इंडिया’, अमित शाह इस्तीफा दो’ के नारे लिखे थे। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य अपने स्थान से ही नारेबाजी कर रहे थे। कांग्रेस सदस्यों को कागज फाड़कर आसन के आसपास फेंकते हुए देखा गया। कांग्रेस सदस्य काले रंग का एक बैनर ले कर आ गए जिस पर गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की गई थी। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि वह कांग्रेस सदस्यों के इस व्यवहार की निंदा करते हैं। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाने का आग्रह किया। जोशी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि इन लोगों ने दंगे भड़काये हैं। इन लोगो ने 1984 में 3000 लोगों की हत्या की और जांच भी नहीं करायी। अभी शांति कायम करना प्राथमिकता होनी चाहिए लेकिन ये तनाव पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। इस दौरान अध्यक्ष ओम बिरला ने हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों को अपने स्थान पर जाने का आग्रह करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र का मंदिर है, सदन के कुछ नियम हैं और उनका पालन किया जाना चाहिए। देश आपको देख रहा है। उन्होंने कहा कि देश में शांति एवं सौहार्द कायम करने का सामूहिक प्रयास होना चाहिए और वे विभिन्न दलों के नेताओं से कहना चाहेंगे कि वे जिम्मेदारी से काम करें।