लखनऊ। उत्तर प्रदेश की कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण का सुबह निधन हो गया। कमल रानी कोरोना संक्रमित थी और उनका इलाज लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में चल रहा था। कमल रानी मौत की मौत की सूचना मिलते ही कानपुर से लेकर आसपास के क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।उनके सैकड़ों कार्यकर्ता लखनऊ के लिए रवाना हो गए। बीते वर्ष प्रदेश की योगी कैबिनेट के विस्तार में घाटमपुर से विधायक कमलरानी को शामिल किया गया था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्याथ ने कमल रानी की मौत पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है।योगी ने कहा कि मैं कैबिनेट मंत्री कमला रानी वरुण के परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।वह कोरोना पॉजिटिव थी और पीजीआई हॉस्पिटल में इलाज करवा रही थीं। उन्होंने कहा कि कमल रानी एक लोकप्रिय सार्वजनिक नेता और एक सामाजिक कार्यकर्ता थीं।
कमलरानी का जन्म 3 मई 1958 को लखनऊ में हुआ था। कमलरानी ने समाजशास्त्र से एमए किया। 25 मई 1975 को उनकी शादी एलआईसी के प्रशासनिक अधिकारी किशनलाल वरुण से हुई थी।किशनलाल आरएसएस से जुड़े थे। बहू के रूप में कमलरानी ने 1977 से राजनीति की शुरुआत की।
पति के प्रोत्साहन से उन्होंने आरएसएस द्वारा मलिन बस्तियों में संचालित सेवा भारती के सेवा केन्द्र में बच्चों की शिक्षा, गरीब महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई और बुनाई का प्रशिक्षण कार्य शुरु किया।राजनीति में सक्रियता के चलते वर्ष 1989 में वह भाजपा के टिकट पर कानपुर के द्वारिकापुरी वार्ड से चुनाव लडक़र विजयी रहीं।