अमेरिका में कोरोना के कहर के लिहाज से दूसरी वैक्सीन का उपलब्ध होना काफी अहम है. यहां कोरोना के चलते रोजाना 3000 मौत के आंकड़े सामने आ रहे हैं. मॉडर्ना कंपनी और नेशनल हेल्थ इंस्टीट्यूट की देखरेख में विकसित इस वैक्सीन का इस्तेमाल सोमवार से शुरू होगा. मॉडर्ना कंपनी की यह पहली वैक्सीन है जिसे मंजूरी दी गई है. मॉडर्ना वैक्सीन का इस्तेमाल 18 साल से ऊपर की उम्र के लोगों के लिए है. जबकि फाइजर की वैक्सीन का इस्तेमाल 16 साल से ऊपर वालों के लिए किया जा सकता है.
यह वैक्सीन फाइजर और जर्मनी की BioNTech की वैक्सीन से काफी मिलती है. एनआईएच के डायरेक्टर डॉ. फ्रांसिस कोलिंस ने कहा कि विज्ञान अपना काम कर रहा है और यह लाजवाब प्रदर्शन है. दो वैक्सीन बेहतर काम करेंगी और लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेंगी.
शुरुआती स्टडी में पाया गया कि दोनों वैक्सीन काफी हद तक सुरक्षित हैं और असरदार हैं.साथ ही मॉडर्ना वैक्सीन के साथ एक अच्छी बात यह है कि इस वैक्सीन को स्टोर करने के लिए अल्ट्रा फ्रोजन तापमान की आवश्यकता नहीं है. दूसरी वैक्सीन आने से लोगों को उम्मीद मिली है कि कोरोना संकट से राहत मिलेगी और जीवन फिर से सामान्य होगा.
अमेरिका में कोरोना के कहर की बात करें तो यहां अबतक 3,12,000 लोगों की कोविड-19 के चलते मौत हुई है.पूरे विश्व में 1.7 मिलियन लोग कोरोना के चलते जान गंवा चुके हैं. अमेरिका में रोजाना औसतन 2 लाख 16 हजार मामले सामने आ रहे हैं. वहीं, बुधवार को 3600 लोगों की मौत हुई है.