नईदिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को कोहराम मच गया और सेंसेक्स में इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। इसकी बड़ी वजह कोरोना वायरस और येस बैंक की समस्या और सऊदी अरब की ओर से कच्चे तेल की कीमतों में की गई भारी कटौती को बताया जा रहा है। इसके चलते सेंसेक्स करीब 2357 अंक गिर गया, जबकि निफ्टी में भी करीब 600 अंकों से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। इससे पहले 24 अगस्त, 2015 को सेंसेक्स 1,624 अंक लुढक़ा था। बाजार में इतनी बड़ी गिरावट से निवेशक घबरा गए हैं।
हालांकि आज यस बैंक के शेयरों में 34 प्रतिशत का उछाल देखा गया। इसके बावजूद शेयर बाजार में अफरातफरी का माहौल बना रहा। आज की गिरावट भारतीय शेयर बाजार में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। आज सुबह साढ़े 9 बजे सेंसेक्स 1169.74 अंक गिरकर 36,406.88 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 332.40 अंक गिरकर 10,657.05 पर कारोबार कर रहा था। आज येस बैंक के शेयर मजबूती के साथ खुले और 20 फीसदी तक उछला। फिलहाल 34 फीसदी के उछाल पर कारोबार कर रहा है। दोपहर 1 बजे सेंसेक्स 2200 अंक से ज्यादा गिर गया और 35,547.27 पर कारोबार कर रहा था।
ओपेक देशों और रूस के बीच तेल की कीमतों को लेकर विवाद से क्रूड में 30 फीसदी की भारी गिरावट आई है। ब्रेंट 36 डॉलर के नीचे फिसल गया है। भारतीय शेयर बाजार में गिरावट से मिड और स्मॉलकैप शेयरों में भी भारी बिकवाली नजर आ रही है। तेल-गैस शेयरों में भी आज कमजोरी नजर आ रही है। बीएसई का ऑयल एंड गैस इंडेक्स 2.85 फीसदी की कमजोरी के साथ कारोबार कर रहा है। इससे पहले शुक्रवार को भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी। येस बैंक के शेयर करीब 6 रुपये तक पहुंच गया था। हालांकि उसके बाद शेयर में तेजी देखने को मिली थी, और 19 तक पहुंचा था।
गौरतलब है कि कोरोना का प्रकोप और यस बैंक का संकट शेयर बाजार पर कहर बनकर टूटा है। शुक्रवार को शेयर बाजार में कारोबार के अंत में सेंसेक्स 894 अंक टूटकर 37,576 पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (हृस्श्व) का निफ्टी 327 अंक टूटकर 10,942.65 पर खुला और अंत में 289.45 अंकों की गिरावट के साथ 10,979.55 पर बंद हुआ। यस बैंक कारोबार के अंत में 55 फीसदी की गिरावट के साथ 16.55 पर बंद हुआ था।