सदियों से सेहत, सौंदर्य, औषधियों में एलोवेरा का इस्तेमाल होता आया है।
अब तो कई बीमारियों जैसे गठिया, जलने पर और पेप्टिक अल्सर में भी एलोवेरा को असरकारी पाया गया है।
एलोवेरा में कई गुण होते हैं और अपने शिशु को आप किस तरह इसके लाभ दे सकती हैं, इसी के बारे में हम आपको यहां बताने जा रहे हैं।
क्या शिशु के लिए एलोवेरा सुरक्षित है
नवजात शिशु की त्वचा पर एलोवेरा लगाया जा सकता है।यूएस नेशनल सेंटर फॉर कॉम्प्लीमेंट्री एंड इंटीग्रेटिव हेल्थ स्टेट्स के मुताबिक एलोवेरा लगाना सुरक्षित होता है। हालांकि,
शिशु को एलोवेरा खिलाने या इसके जूस के सेवन को लेकर कोई चिकित्सकीय सलाह उपलब्ध नहीं है।
शिशु पर कैसे करें एलोवेरा का उपयोग
आप घर पर ताजा एलोवेरा जैल का शिशु पर कई तरह से इस्तेमाल कर सकत हैं, जैसे कि :
*दिन में कई बार एलोवेरा जैल से शिशु की मालिश करने से स्किन हाइड्रेट रहती है। चेहरे पर जैल लगाने से बचें।
*आप एलोवेरा जैल से शिशु के बालों और स्कैल्प की मालिश भी कर सकते हैं।
हालांकि, इसके प्रभाव की पुष्टि को लेकर अभी तक कोई रिसर्च नहीं की गई है।
शिशु के लिए कैसे तैयार करें एलोवेरा जैल
आपको बाजार में पाउडर, जैल, जूस या कैप्सूल के रूप में एलोवेरा मिल जाएगा लेकिन बेहतर होगा कि आप शिशु के लिए घर पर ही ताजा एलोवेरा जैल बनाएं।
एलोवेरा जैल बनाने का तरीका इस प्रकार है :
*एलोवेरा के पौधे से एक पत्ती लें और उसे गुनगुने पानी से धो लें।
*इसे सुखाने के बाद छीलें, आपको इसके अंदर सफेद रंग का जैल दिखाई देगा।
*पत्ती को नीचे रख दें और उसमें से नीले का रंग का रस निकलने दें।
*जब ये रस निकल जाए तो चम्मच या चाकू की मदद से जैल को निकाल लें।
*इस जैल को आप एयर टाइट कंटेनर में स्टोर कर के रख सकते हैं और शिशु की त्वचा पर लगा सकते हैं।
*ध्यान रहे कि आपको शिशु की त्वचा पर सिर्फ ताजा एलोवेरा जैल ही लगाना है।
इस प्रकार आप सुरक्षित तरीके से शिशु पर एलोवेरा जैल का इस्तेमाल कर सकते हैं।